आईएमईसी के जरिए वैश्विक संपर्क का नया केंद्र बनेगा भारत: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
भारत बनेगा आईएमईसी के जरिए वैश्विक संपर्क का भरोसेमंद सेतु: पीयूष गोयल
नई दिल्ली, अप्रैल 2025:"केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत अब भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) के माध्यम से वैश्विक संपर्क का भरोसेमंद सेतु बनने की ओर अग्रसर है।
उन्होंने इस आर्थिक गलियारे को "आधुनिक सिल्क रूट" करार देते हुए इसे समानता आधारित समावेशी साझेदारी का प्रतीक बताया।"
IMEC से व्यापार में आएगी क्रांतिकारी गति
पीयूष गोयल के अनुसार:
- लॉजिस्टिक्स लागत में 30% तक की कमी आएगी
- परिवहन समय 40% तक घटेगा
- महाद्वीपों के बीच निर्बाध व्यापारिक संबंध स्थापित होंगे
यह केवल वाणिज्यिक मार्ग नहीं होगा, बल्कि सभ्यताओं, संस्कृतियों और समुदायों को जोड़ने वाला तंत्र भी बनेगा।
भारत की रणनीतिक स्थिति और नया व्यापारिक युग
IMEC की संरचना:
- रेलवे और सड़क मार्ग
- ऊर्जा पाइपलाइनों का नेटवर्क
- समुद्र के नीचे केबल कनेक्टिविटी
- क्लीन एनर्जी ट्रांसमिशन सिस्टम
भारत, खाड़ी देशों और यूरोप को जोड़ने के साथ-साथ अफ्रीका तक संपर्क बढ़ाने की संभावना भी इसमें निहित है।
डिजिटल और स्थायी कनेक्टिविटी को मिली प्राथमिकता
केंद्रीय मंत्री गोयल ने यह स्पष्ट किया कि IMEC:
- संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है
- आर्थिक प्रभुत्व की बजाय विश्वास और स्थिरता पर आधारित है
- डिजिटल कनेक्टिविटी और क्लीन एनर्जी नेटवर्क पर ध्यान केंद्रित करता है
IMEC के लिए मंत्री गोयल के 5 प्रमुख सुझाव
क्रमांक | सुझाव | विवरण |
---|---|---|
1 | सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल | निजी क्षेत्र को अग्रणी भूमिका मिले |
2 | विनियामक कनेक्टिविटी | फिजिकल कनेक्शन के साथ नियमों में भी सामंजस्य |
3 | इनोवेटिव फाइनेंसिंग | व्यावसायिक और सरकारी समर्थन के साथ वित्तपोषण |
4 | व्यापारिक निकायों की भागीदारी | व्यापार की ज़मीनी जरूरतों के मुताबिक डिजाइन |
5 | थिंक टैंक और शिक्षाविदों की भूमिका | दीर्घकालिक विजन और नीति निर्माण में सहयोग |
भारत की भूमिका होगी निर्णायक
भारत इस पहल में:
- डिजिटल संचार, क्लीन एनर्जी, और इंटरकनेक्टेड इंफ्रास्ट्रक्चर में अहम भूमिका निभा रहा है
- सिंगापुर, यूएई और सऊदी अरब के साथ ऊर्जा और डिजिटल कनेक्टिविटी पर सक्रिय वार्ता कर रहा है
यह पहल अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भारत की भूमिका को केवल ग्राहक नहीं, बल्कि नीति-निर्माता के रूप में स्थापित करती है।
IMEC: क्यों है यह भारत के लिए क्रांतिकारी ?
- भारत को वैश्विक लॉजिस्टिक्स और ट्रांजिट हब बनने में मदद मिलेगी
- पूर्वी और पश्चिमी व्यापार मार्गों को जोड़ने वाली सबसे प्रभावशाली कड़ी
- जियो-पॉलिटिक्स और जियो-इकोनॉमिक्स में भारत की स्थिति को सशक्त करेगा