भारत में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की प्रगति: 2024-25 में 145.5 मिलियन टन माल परिवहन का रिकॉर्ड
भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र क्यों है अहम?
“भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। यह केवल माल ढुलाई तक सीमित नहीं है बल्कि उत्पादन, आपूर्ति, वितरण, ई-कॉमर्स और वैश्विक व्यापार को भी जोड़ता है। वर्ष 2024-25 में 145.5 मिलियन टन माल परिवहन के रिकॉर्ड ने इसे और भी मज़बूत कर दिया है।”
विश्व बैंक की रिपोर्ट में भारत का स्थान
विश्व बैंक के
2023 लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स में भारत
38वें स्थान पर पहुँच गया। यह
2018 की तुलना में
6 पायदान ऊपर है। यह सुधार बताता है कि भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र तेजी से आधुनिक हो रहा है।
रिकॉर्ड माल परिवहन: 145.5 मिलियन टन
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण
(IWAI) के अनुसार, वर्ष
2024-25 में
145.5 मिलियन टन माल का परिवहन हुआ। यह उपलब्धि मज़बूत सरकारी नीतियों और निवेश का परिणाम है।
भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र और अर्थव्यवस्था
भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
2024-25 में जीडीपी वृद्धि दर
6.5% अनुमानित है। एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला भारत को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है बल्कि वैश्विक व्यापार में भी प्रतिस्पर्धी बनाती है।
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP)
सितंबर
2022 में शुरू की गई राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का उद्देश्य है—
- लॉजिस्टिक्स की लागत घटाना
- सप्लाई चेन को सुव्यवस्थित बनाना
- डिजिटल और आधुनिक नेटवर्क का निर्माण
पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान
अक्टूबर
2021 में लॉन्च हुई यह योजना भारत को मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स नेटवर्क प्रदान करती है। सड़क, रेल, वायु और जलमार्ग को एकीकृत करके माल की आवाजाही आसान और सस्ती होती है।
समुद्री अमृत काल विजन 2047
यह विजन भारत के समुद्री क्षेत्र को विकसित करने के लिए तैयार किया गया है।
- पोर्ट्स का डिजिटलीकरण
- ग्रीन एनर्जी जैसे हाइड्रोजन हब
- शिपबिल्डिंग और रिपेयर में आत्मनिर्भरता
समर्पित माल ढुलाई गलियारे (DFC)
- ईस्टर्न DFC: लुधियाना से सोननगर
- वेस्टर्न DFC: जेएनपीटी से दादरी
इन गलियारों का उद्देश्य भारी माल ढुलाई को तेज़ और सस्ता बनाना है।
मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क
चेन्नई, नागपुर, बेंगलुरु और इंदौर जैसे
35 स्थानों पर एमएमएलपी विकसित किए जा रहे हैं। ये बड़े पैमाने पर वेयरहाउसिंग और भंडारण की सुविधाएँ देंगे।
लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक और यूलिप
- LDB: 75 मिलियन से अधिक एग्जिम कंटेनरों की ट्रैकिंग
- ULIP: मार्च 2025 तक 100 करोड़ API लेनदेन का रिकॉर्ड
जीएसटी और ई-वे बिल से सुधार
जीएसटी लागू होने के बाद माल ढुलाई अधिक सुव्यवस्थित हुई।
- चेकपोस्ट खत्म हुए
- परिवहन समय 33% तक घटा
- ई-वे बिल ने पारदर्शिता और अनुपालन को बढ़ाया
गति शक्ति विश्वविद्यालय (GSV)
यह विश्वविद्यालय भारत का पहला संस्थान है जो लॉजिस्टिक्स और परिवहन शिक्षा पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य कुशल पेशेवर तैयार करना है।
भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र और भविष्य
भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र
2026 तक
10.7% की
CAGR दर से बढ़ने का अनुमान है। यह क्षेत्र भारत को
5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
“भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र आज तेजी से प्रगति कर रहा है। सरकारी नीतियों, डिजिटलीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास ने इसे मजबूती दी है। वर्ष 2024-25 में 145.5 मिलियन टन माल परिवहन का रिकॉर्ड इस बात का प्रमाण है कि भारत भविष्य में एक वैश्विक लॉजिस्टिक्स हब बनने की दिशा में अग्रसर है।”