म्यांमार में विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ, पीएम मोदी बोले – “भारत इस संकट में म्यांमार के साथ खड़ा है”
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बातचीत कर हालिया विनाशकारी भूकंप में हुए जानमाल के नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने यह भी कहा कि भारत इस कठिन समय में अपने पड़ोसी देश म्यांमार के साथ पूरी एकजुटता से खड़ा है और हर संभव मदद देने के लिए तत्पर है।”
📞 पीएम मोदी और जनरल ह्लाइंग के बीच बातचीत
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जानकारी दी गई कि पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए कहा:
“म्यांमार के वरिष्ठ जनरल महामहिम मिन आंग ह्लाइंग से बात की। विनाशकारी भूकंप में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। एक करीबी मित्र और पड़ोसी के रूप में भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ खड़ा है।”
🌍 ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत राहत अभियान
भारत ने संकट में फंसे म्यांमार के लोगों की सहायता के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया है। इस ऑपरेशन के तहत:
- भारत ने 15 टन से अधिक राहत सामग्री यांगून भेजी है।
- इस सामग्री में शामिल हैं:
- टेंट और स्लीपिंग बैग
- कंबल और रेडी-टू-ईट भोजन पैकेट्स
- स्वच्छता किट और वाटर प्यूरीफायर
- जनरेटर और सोलर लैंप
- ज़रूरी दवाइयां जैसे पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सीरिंज, दस्ताने, और पट्टियां
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस राहत अभियान की जानकारी देते हुए लिखा:
“भारत ने पहले प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में म्यांमार को सहायता भेजी है। हमारी पहली राहत खेप यांगून पहुंच गई है।”
🕯️ भूकंप की भयावहता: 1000+ मौतें
म्यांमार में शुक्रवार को आए भूकंप की तीव्रता 7.7 थी, जिसने सागाइंग क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया। इसके बाद 12 आफ्टरशॉक्स महसूस किए गए जिनकी तीव्रता 2.8 से 7.5 के बीच थी।
म्यांमार की सूचना परिषद के अनुसार:
- 1,002 लोगों की मौत
- 2,376 घायल
- 30 से अधिक लोग लापता
भूकंप ने इमारतों, पुलों, अस्पतालों और स्कूलों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
🆘 मानवीय सहायता की अपील
म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मानवीय सहायता की अपील की है। उन्होंने कहा कि देश को आपात राहत, मेडिकल सहायता और पुनर्निर्माण सामग्री की तत्काल आवश्यकता है।
🕊️ प्रधानमंत्री मोदी की संवेदना
शुक्रवार को ही भूकंप के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक और पोस्ट में लिखा था:
“म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।”
उन्होंने विदेश मंत्रालय और एनडीआरएफ को तत्काल तैयार रहने के निर्देश दिए थे ताकि राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके।
🇮🇳 भारत की भूमिका: संकट में मददगार पड़ोसी
भारत ने हमेशा आपदा के समय अपने पड़ोसी देशों की सहायता की है, चाहे वह नेपाल का भूकंप हो, श्रीलंका में बाढ़ हो या तुर्की में भूकंप। ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ उसी नीति का विस्तार है, जिसमें भारत ने दिखाया कि संकट की घड़ी में वह अपने पड़ोसियों के साथ मजबूती से खड़ा रहता है।
🛰️ अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
म्यांमार में आए इस भूकंप की खबर ने दुनिया को झकझोर दिया है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों ने भी सहायता की पेशकश की है, लेकिन भारत की तेजी से की गई कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय मीडिया और राजनयिक हलकों में सराहना मिल रही है।
निष्कर्ष
भारत की ओर से म्यांमार को दी गई यह मानवीय सहायता यह दर्शाती है कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति सिर्फ देश तक सीमित नहीं है, बल्कि पड़ोसी देशों के लिए भी उतनी ही प्रासंगिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की द्रुत प्रतिक्रिया, सहानुभूति और नेतृत्व ने फिर से यह साबित कर दिया कि भारत न केवल एक शक्ति है, बल्कि एक सहृदय राष्ट्र भी है।
