भारत पाकिस्तान तनाव पर UNSC की गुप्त बैठक, तनाव कम करने के प्रयासों पर चर्चा
"संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर एक गुप्त बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य दक्षिण एशिया में बिगड़ती स्थिति को समझना और संभावित शांति प्रयासों को प्रोत्साहित करना था। बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष इवेंजेलोस सेकेरिस ने की, जिन्होंने इसे एक "उपयोगी संवाद" करार दिया।"
गुप्त बैठक में हुआ तनाव कम करने पर सहमति
हालांकि यह एक बंद दरवाजे वाली बैठक थी और इसमें शामिल चर्चा का कोई सार्वजनिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन यूएन के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि सभी प्रतिनिधि तनाव कम करने के पक्ष में थे।
सहायक महासचिव मोहम्मद खालिद खैरी ने पत्रकारों से बात करते हुए केवल इतना कहा, "स्थिति अस्थिर है, लेकिन सभी पक्ष समाधान चाहते हैं।"
गैर-सदस्य देश बैठक में क्यों नहीं हुए शामिल?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नियमों के अनुसार, केवल सदस्य राष्ट्र ही बंद बैठकों में भाग ले सकते हैं। इसलिए पाकिस्तान और भारत जैसे गैर-सदस्य देशों को इसमें प्रत्यक्ष भागीदारी की अनुमति नहीं दी गई।
हालांकि, पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद के अनुरोध पर यह बैठक आयोजित की गई।
रूस की प्रतिक्रिया: उम्मीद है तनाव कम होगा
बैठक के बाद रूस की उप स्थायी प्रतिनिधि अन्ना इवेस्टिग्नेवा ने कहा, “हमें उम्मीद है कि तनाव जल्द ही कम होगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि सुरक्षा परिषद हमेशा ऐसे मामलों में स्थिरता और समाधान की दिशा में भूमिका निभाती है।
UNSC ने की सैन्य टकराव से दूर रहने की अपील
बैठक के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालात बेहद संवेदनशील हैं और किसी भी प्रकार का सैन्य टकराव स्थिति को और गंभीर बना सकता है। असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा, “इस महत्वपूर्ण समय में सैन्य टकराव से बचना ज़रूरी है, क्योंकि यह आसानी से नियंत्रण से बाहर जा सकता है।”

पहलगाम हमले की निंदा, पाकिस्तान ने खारिज किए आरोप
बैठक में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, की कड़े शब्दों में निंदा की गई। इस पर पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने भारत के उन आरोपों को सिरे से नकारा जिनमें पाकिस्तान को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।
पाकिस्तान का दावा: हम बातचीत को तैयार हैं
असीम इफ्तिखार ने कहा कि पाकिस्तान सभी पड़ोसियों के साथ, खासकर भारत के साथ, शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध बनाने का इच्छुक है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संवाद और कूटनीतिक समाधान के लिए पूरी तरह से तैयार है।
तनावपूर्ण स्थिति में संवाद की महत्ता
बैठक के अधिकतर सदस्यों का मानना था कि भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा स्थिति को संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ संभालने की जरूरत है। दोनों देशों के बीच वर्षों से चले आ रहे मुद्दों को बातचीत से हल करने की आवश्यकता है ताकि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनी रहे।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका
संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों की यह जिम्मेदारी है कि वे विवादित क्षेत्रों में संवाद और समाधान का रास्ता खोलें। भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं, ऐसे में कोई भी टकराव वैश्विक खतरे में बदल सकता है।
इसलिए सुरक्षा परिषद की बैठक, भले ही गुप्त रही हो, लेकिन उसका संदेश स्पष्ट है — शांति की दिशा में कदम उठाना अनिवार्य है।
भारत-पाकिस्तान तनाव का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कोई नई बात नहीं है। 1947 के विभाजन से लेकर आज तक, कश्मीर मुद्दा दोनों देशों के बीच विवाद का प्रमुख कारण रहा है। हाल ही में हुए LOC पर गोलीबारी, साइबर हमले और पहलगाम में आतंकी घटनाओं ने फिर से तनाव को बढ़ा दिया है।
समाधान की ओर बढ़ने की ज़रूरत
संयुक्त राष्ट्र की गुप्त बैठक ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत पाकिस्तान तनाव को केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति, संवाद और कूटनीति से ही हल किया जा सकता है। युद्ध या टकराव कोई समाधान नहीं है। दोनों देशों के पास अब यह अवसर है कि वे अंतरराष्ट्रीय समर्थन और पहल के सहारे एक स्थायी शांति समाधान की दिशा में आगे बढ़ें।
