भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित किया: पाकिस्तान को पत्र भेजकर दी जानकारी
"भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय एक महत्वपूर्ण और गंभीर कदम है, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है। इससे क्षेत्रीय स्थिरता और जल संसाधनों के प्रबंधन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। आवश्यक है कि दोनों देश संवाद और कूटनीति के माध्यम से इस संकट का समाधान खोजें।""
"भारत सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ 1960 में हुई सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय की जानकारी जल शक्ति मंत्रालय ने पाकिस्तान को औपचारिक पत्र भेजकर दी है। यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को और गहरा कर सकता है।"
सिंधु जल संधि: एक परिचय
सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हस्ताक्षरित हुई थी। इस संधि के तहत भारत को पूर्वी नदियों—सतलुज, ब्यास और रावी—का नियंत्रण प्राप्त है, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों—सिंधु, झेलम और चिनाब—का अधिकार मिला है। यह संधि दोनों देशों के बीच जल संसाधनों के बंटवारे को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता रही है।
भारत का निर्णय और कारण
भारत सरकार ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया। जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा को पत्र लिखकर इस निर्णय की जानकारी दी। पत्र में कहा गया कि पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण भारत को संधि के तहत अपने अधिकारों का पूर्ण उपयोग करने में बाधा आ रही है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारत के इस निर्णय पर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान के अधिकारियों ने इसे "कायरतापूर्ण" और "अनुचित" कदम बताया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि सिंधु जल संधि के तहत पानी के प्रवाह में किसी भी प्रकार का बदलाव "युद्ध की कार्यवाही" माना जाएगा।
क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव
सिंधु जल संधि का निलंबन न केवल भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा सकता है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता पर भी प्रभाव डाल सकता है। पाकिस्तान की कृषि और जल आपूर्ति इस संधि पर काफी हद तक निर्भर है। इसलिए, इस निर्णय से पाकिस्तान में जल संकट गहरा सकता है, जिससे वहां की अर्थव्यवस्था और जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
अतिरिक्त जानकारी
सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद, भारत ने पाकिस्तान के साथ अन्य कूटनीतिक संबंधों को भी सीमित किया है, जिसमें वीजा सेवाओं का निलंबन और राजनयिकों की संख्या में कटौती शामिल है।
पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है और व्यापारिक संबंधों को सीमित किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति को संभालने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मध्यस्थता करनी चाहिए ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे।