भारत 2030 तक जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा: केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी
भारत 2030 तक जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा: केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी
“भारत की आर्थिक सफलता और विकास की राह पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने हाल ही में जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का कीर्तिमान स्थापित किया है, और अब 2030 तक भारत जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।”
पिछले 11 वर्षों में भारत का आर्थिक उत्थान
केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि भारत ने पिछले 11 वर्षों में अपनी आर्थिक स्थिति में अभूतपूर्व सुधार किया है। 2014 में भारत की जीडीपी 2.1 ट्रिलियन डॉलर थी, जो अब 2025 तक 4.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचने की संभावना है। इसके साथ ही, भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है।
सामाजिक कल्याण योजनाओं का प्रभाव
पुरी ने भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही कई प्रमुख सामाजिक कल्याण योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अब तक 27 करोड़ से अधिक नागरिकों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करीब चार करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है और जल जीवन मिशन के माध्यम से 15.4 करोड़ ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ पानी की सुविधा दी जा रही है।
आयुष्मान भारत और स्वास्थ्य सुरक्षा
आयुष्मान भारत योजना के तहत भारत ने 70 करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान किया है। इस योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का बीमा लाभ देने की व्यवस्था है, जो भारत में समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। केंद्रीय मंत्री पुरी ने इस योजना को भारत की सामाजिक और आर्थिक विकास की प्रतिबद्धता के तौर पर बताया।
वैश्विक निवेश को आकर्षित करना
पुरी ने यह भी बताया कि भारत ने 2014 से 2025 के बीच लगभग 748 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित किया है, जो पिछले दशक की तुलना में 143 प्रतिशत अधिक है। यह भारत के आर्थिक वातावरण और व्यापारिक सुधारों की सफलता को दर्शाता है।
प्रशासनिक सुधार और वित्तीय प्रबंधन
केंद्रीय मंत्री ने भारत में किए गए महत्वपूर्ण नीति सुधारों का उल्लेख किया। दिवालियापन संहिता, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाएं, जीएसटी, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) और 1,400 अप्रचलित कानूनों को समाप्त करना जैसे सुधारों ने भारतीय व्यापार परिदृश्य को और सशक्त किया है। इन सुधारों से न केवल व्यापार को बढ़ावा मिला, बल्कि देश के वित्तीय प्रशासन की स्थिति भी मजबूत हुई है।
आयकर रिटर्न की बढ़ती संख्या
पुरी ने यह भी बताया कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। 2013-14 में जहां केवल 3.6 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे, वहीं अब 2024-25 तक यह संख्या 8.5 करोड़ तक पहुँचने की संभावना है। इसमें से लगभग 95 प्रतिशत रिटर्न 30 दिनों के भीतर प्रोसेस किए गए हैं, जो भारत के आर्थिक प्रशासन में सुधार को दर्शाता है।
आर्थिक सुधारों के लाभ
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सुधारों के माध्यम से न केवल अपने आंतरिक विकास को बढ़ाया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की प्रतिष्ठा को मजबूती दी है। हरदीप पुरी ने कहा कि, "प्रत्येक रिटर्न, एकत्र किए गए कर का प्रत्येक रुपया, ठोस लाभ में तब्दील होता है, जिसमें माताओं के लिए एलपीजी कनेक्शन, गरीबों के लिए दवाइयां, ग्रामीण घरों के लिए बिजली, बुजुर्गों के लिए पेंशन और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर शामिल हैं।"
“भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और यह निश्चित रूप से 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी का यह बयान देश की आर्थिक यात्रा के महत्वपूर्ण मोड़ को उजागर करता है। भारत की समृद्धि के लिए किए गए सुधारों और योजनाओं का असर दिखने लगा है, और आने वाले वर्षों में यह विकास और भी तेज होगा। भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी एक मजबूत और सशक्त अर्थव्यवस्था के रूप में पहचान बनाई है, और यह यात्रा अब भी जारी है। आर्थिक सुधारों, सामाजिक योजनाओं और वैश्विक निवेश आकर्षण के जरिए भारत एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहा है।”
