भारत-यूके व्यापार समझौते पर तेजी से हो रही प्रगति, पीयूष गोयल का लंदन दौरा बना प्रमुख कदम
"भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) को अंतिम रूप देने की दिशा में गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इस समय लंदन दौरे पर हैं, जहां वे ब्रिटिश अधिकारियों और व्यापारिक संगठनों के साथ गहन बातचीत कर रहे हैं।"
सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में भारत-यूके सहयोग को मिली सराहना
अपने दौरे के दौरान मंत्री गोयल ने इंटरनेशनल सेंटर फॉर सस्टेनेबिलिटी का दौरा किया और भारत की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता और सतत विकास पहलों की सराहना की। उन्होंने सेंटर के संस्थापक ट्रस्टी सचिन नंदा से मुलाकात की और साझा किया कि इस प्रकार के संस्थान भारत-यूके के रिश्तों को नई ऊंचाई दे सकते हैं।
प्रवासी भारतीय संगठनों से हुई मुलाकात
लंदन में रह रहे भारतीय समुदाय के संगठनों से मुलाकात के दौरान गोयल ने उनके सांस्कृतिक और आर्थिक योगदान की सराहना की। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि ये संगठन भारत-यूके के राजनीतिक और व्यावसायिक रिश्तों को मजबूत बनाने में सेतु का कार्य कर रहे हैं।
इंडिया ग्लोबल फोरम में हुआ संवाद
इस यात्रा का एक और प्रमुख हिस्सा रहा इंडिया ग्लोबल फोरम के साथ गोयल की चर्चा। उन्होंने फोरम की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह मंच भारत और यूके के बीच रणनीतिक भागीदारी को बढ़ावा देने में अहम योगदान दे रहा है।
यूके के व्यापार सचिव के साथ FTA पर गंभीर चर्चा
गोयल ने यूके के बिजनेस एंड ट्रेड सेक्रेटरी जोनाथन रेनॉल्ड्स से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-यूके व्यापार समझौते को जल्द अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने यह भी माना कि इस समझौते से निवेश, व्यापार और नवाचार को नई गति मिलेगी।
भारत-यूके व्यापार समझौता: संभावनाएं और लाभ
1. व्यापारिक बाधाओं में कमी
FTA से आयात-निर्यात पर लगने वाले शुल्क में कमी आएगी, जिससे दोनों देशों के व्यापारी और उद्यमी लाभान्वित होंगे।
2. निवेश में वृद्धि
ब्रिटिश कंपनियों को भारत में निवेश के अधिक अवसर मिलेंगे और भारतीय कंपनियों को यूके बाजार में आसानी से पहुंच प्राप्त होगी।
3. टेक्नोलॉजी और इनोवेशन ट्रांसफर
इनोवेशन, रिसर्च और स्टार्टअप सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे।
4. शिक्षा और कौशल विकास
ब्रिटेन में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों के लिए नई नीतियां लागू की जा सकती हैं।
दोनों देशों के बीच बढ़ता विश्वास
भारत और यूके के बीच बीते कुछ वर्षों में रणनीतिक, सुरक्षा, डिजिटल और ग्रीन टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है। यह FTA समझौता दोनों देशों के संबंधों को संस्थागत रूप से और मजबूत कर सकता है।
आर्थिक सहयोग का नया अध्याय
| क्षेत्र | संभावित सहयोग |
|---|---|
| व्यापार | आयात-निर्यात में वृद्धि |
| निवेश | स्टार्टअप और MSME में फंडिंग |
| पर्यावरण | हरित ऊर्जा, सस्टेनेबिलिटी प्रोजेक्ट्स |
| शिक्षा | स्कॉलरशिप, उच्च शिक्षा, संयुक्त शोध |
| डिजिटल इकोनॉमी | साइबर सिक्योरिटी, डेटा साझेदारी |
भारत-यूके FTA: जल्द अंतिम चरण में पहुंचने की उम्मीद
दोनों पक्ष इस समझौते को जल्द अंतिम रूप देने की दिशा में प्रतिबद्ध हैं। यह दौरा इस बात का संकेत है कि भारत अब न केवल एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति है, बल्कि वैश्विक स्तर पर न्यायसंगत व्यापार और सतत विकास के लिए एक भरोसेमंद भागीदार भी बन चुका है।
