भारत-अमेरिका एयरक्राफ्ट कैरियर तकनीक सहयोग के लिए 8वीं संयुक्त कार्य समूह की बैठक भारत में सम्पन्न
“13 से 16 मई 2025 तक भारत में भारत-अमेरिका एयरक्राफ्ट कैरियर तकनीक सहयोग पर आधारित संयुक्त कार्य समूह की आठवीं बैठक का आयोजन हुआ। यह समूह भारत-अमेरिका रक्षा तकनीक और व्यापार पहल (Kya) के अंतर्गत गठित किया गया है। बैठक में दोनों देशों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया, जिसमें अमेरिका की ओर से छह सदस्यीय टीम शामिल थी, जिसका नेतृत्व रियर एडमिरल (RAdm) केसी मोटन (Casey Moton), प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (PEO), एयरक्राफ्ट कैरियर्स ने किया।”
संयुक्त कार्य समूह की बैठक में तकनीकी सहयोग और रणनीतियों पर चर्चा
बैठक की शुरुआत 13 मई को नई दिल्ली में हुई, जिसकी सह-अध्यक्षता भारत की ओर से रियर एडमिरल विशाल बिश्नोई (RAdm Vishal Bishnoi), असिस्टेंट कंट्रोलर कैरियर प्रोजेक्ट्स (ACCP) ने की। बैठक में पिछले दस वर्षों में भारत-अमेरिका के बीच हुए एयरक्राफ्ट कैरियर तकनीक सहयोग की उपलब्धियों को विस्तार से साझा किया गया। दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में ज्ञान और तकनीक के सफल आदान-प्रदान की सराहना की।
बैठक में भविष्य में तकनीकी सहयोग को बढ़ाने और नए क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने के लिए गहन विचार-विमर्श हुआ। एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर दोनों देशों ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि वे भविष्य में रक्षा तकनीक और विमान वाहक जहाजों के संचालन में सहयोग को और गहरा करेंगे।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का रक्षा प्रतिष्ठानों का दौरा और विशेषज्ञों के साथ संवाद
बैठक के दौरान अमेरिका से आए प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली और गोवा के कई महत्वपूर्ण रक्षा प्रतिष्ठानों का दौरा किया। गोवा में अमेरिकी टीम ने भारतीय नौसेना के विमानन विशेषज्ञों के साथ एयरक्राफ्ट कैरियर के संचालन और तकनीकी पहलुओं पर व्यावसायिक वार्ता की। यह संवाद दोनों पक्षों के लिए ज्ञान के आदान-प्रदान और सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था।
भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग में एयरक्राफ्ट कैरियर तकनीक की भूमिका
भारत और अमेरिका के बीच एयरक्राफ्ट कैरियर तकनीक सहयोग दोनों देशों के रक्षा संबंधों को नई ऊँचाईयों पर ले जा रहा है। यह सहयोग न केवल तकनीकी स्तर पर बल्कि रणनीतिक साझेदारी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एयरक्राफ्ट कैरियर्स के क्षेत्र में निरंतर सुधार और साझा अनुसंधान से दोनों देशों की नौसेना ताकत में वृद्धि हो रही है।
भारत-अमेरिका रक्षा तकनीक और व्यापार पहल (DTTI) के तहत साझेदारी
डिफेंस टेक्नोलॉजी एंड ट्रेड इनिशिएटिव (DTTI) भारत और अमेरिका के बीच रक्षा तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए गठित एक मंच है। इस पहल के अंतर्गत दोनों देशों की सेनाएं, रक्षा मंत्रालय और उद्योग एक साथ मिलकर विभिन्न परियोजनाओं पर काम करते हैं। एयरक्राफ्ट कैरियर तकनीक इसी पहल के तहत एक प्रमुख विषय है, जो दोनों देशों के सामरिक और तकनीकी सहयोग को मजबूत बनाता है।
भविष्य में भारत-अमेरिका एयरक्राफ्ट कैरियर तकनीक सहयोग के अवसर
8वीं बैठक में भारत और अमेरिका ने भविष्य के सहयोग के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की। इनमें एयरक्राफ्ट कैरियर की नई तकनीकों का विकास, संचालन की दक्षता बढ़ाने के उपाय और संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं। इसके साथ ही दोनों देशों ने रक्षा उद्योगों के बीच नवाचार और उत्पादन को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया।
डिजिटल नवाचार और तकनीकी एक्सचेंज से बढ़ेगा सहयोग
बैठक में डिजिटल तकनीक के उपयोग से एयरक्राफ्ट कैरियर संचालन में सुधार पर भी चर्चा हुई। आधुनिक सिमुलेशन, डेटा विश्लेषण और रिमोट सेंसर तकनीक का आदान-प्रदान दोनों देशों के लिए लाभकारी होगा। यह सहयोग नौसेना की रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाने में सहायक होगा।
भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी का व्यापक प्रभाव
भारत-अमेरिका के बीच यह तकनीकी सहयोग केवल सैन्य ताकत तक सीमित नहीं है। यह दोनों देशों के बीच व्यापक सामरिक और आर्थिक संबंधों को भी मजबूती देता है। संयुक्त कार्य समूह की सफल बैठकें यह दर्शाती हैं कि दोनों देश एक साथ मिलकर क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
निष्कर्ष: भारत-अमेरिका एयरक्राफ्ट कैरियर तकनीक सहयोग एक महत्वपूर्ण सफलता
13 से 16 मई 2025 तक हुई 8वीं बैठक ने भारत-अमेरिका एयरक्राफ्ट कैरियर तकनीक सहयोग को और मजबूती दी है। इस बैठक में दोनों देशों ने अपनी साझेदारी को और गहरा करने का संकल्प लिया है। यह सहयोग दोनों देशों के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और तकनीकी उन्नति के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
