भारतीय सेना के लिए 100 और के9 वज्र टैंकों की खरीद से तोपखाने के आधुनिकीकरण को बढ़ावा
“भारतीय सेना के तोपखाने के आधुनिकीकरण को गति देने के उद्देश्य से सरकार ने 100 और के9 वज्र टैंकों की खरीद का निर्णय लिया है। इस कदम से सेना की युद्ध क्षमता को और मजबूत करने के साथ-साथ स्वदेशी रक्षा उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।”
के9 वज्र टैंक: विशेषताएं
के9 वज्र टैंक एक स्वचालित 155 मिमी/52 कैलिबर की होवित्जर गन है, जो लंबी दूरी तक सटीक हमला करने में सक्षम है। यह टैंक कठिन परिस्थितियों और दुर्गम इलाकों में भी प्रभावी रूप से काम कर सकता है।
- निर्माण: के9 वज्र टैंक स्वदेशी तकनीक के साथ विकसित किए गए हैं।
- रेंज: इसकी फायरिंग रेंज लगभग 40 किलोमीटर है।
- क्षमता: ये टैंक रेगिस्तान से लेकर ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों तक हर जगह कार्य करने में सक्षम हैं।
सेना की क्षमता में वृद्धि
के9 वज्र टैंकों की खरीद से भारतीय सेना की तोपखाना प्रणाली अधिक मजबूत होगी। यह कदम खासकर भारत के पश्चिमी मोर्चे पर सैन्य तैयारियों को और सशक्त करेगा।
स्वदेशी रक्षा उद्योग को बढ़ावा
यह टैंक “मेक इन इंडिया” पहल के तहत भारत में तैयार किए जा रहे हैं। इससे न केवल रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय उद्योगों को भी मजबूती मिलेगी।
प्रमुख लाभ:
- सैन्य आधुनिकीकरण – आधुनिक तकनीक से सेना की युद्धक क्षमता में बढ़ोतरी।
- स्थानीय निर्माण – स्वदेशी उत्पादन से आत्मनिर्भर भारत अभियान को बल।
- रणनीतिक मजबूती – पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर मजबूत सुरक्ष
भारतीय सेना के तोपखाने में 100 और के9 वज्र टैंकों की खरीद का निर्णय देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। यह न केवल सेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाएगा बल्कि स्वदेशी रक्षा उद्योग को भी मजबूती प्रदान करेगा।
