भारतीय नौसेना की सिंगापुर यात्रा सफलतापूर्वक पूर्ण, समुद्री सहयोग और आपसी समझ पर हुआ गहन संवाद
भारतीय नौसेना की सिंगापुर यात्रा: समुद्री साझेदारी को मिली नई मजबूती
“भारतीय नौसेना सिंगापुर यात्रा के तहत पूर्वी बेड़े के चार प्रमुख युद्धपोत — आईएनएस दिल्ली, शक्ति, सतपुड़ा और किल्टन — ने 16 से 19 जुलाई 2025 के बीच सिंगापुर बंदरगाह पर अपनी तैनाती पूरी की। यह यात्रा पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल सुशील मेनन के नेतृत्व में सम्पन्न हुई। इस तैनाती का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक नौसैनिक साझेदारी को मजबूत करना और क्षेत्रीय स्थिरता व सुरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाना था।”
सिंगापुर में हुई उच्च स्तरीय बैठकें और पेशेवर संवाद
राजनयिक और सैन्य मुलाकातें
यात्रा के दौरान:
- भारतीय उच्चायुक्त और सिंगापुर की नौसेना के फ्लीट कमांडर के साथ बैठक
- समुद्री सुरक्षा, द्विपक्षीय सहयोग और इंटरऑपरेबिलिटी को लेकर विचार-विमर्श
- हिंद-प्रशांत में साझा रणनीतिक दृष्टिकोण पर गहन संवाद
अकादमिक और सामुदायिक जुड़ाव
रियर एडमिरल मेनन ने अकादमिक समुदाय से अनौपचारिक चर्चा की, जिसमें भारतीय नौसेना का समुद्री दृष्टिकोण, क्षेत्रीय साझेदारी और सागर (SAGAR) नीति की बात की गई।
भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि और सांस्कृतिक आदान-प्रदान
क्रांजी युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि
पूर्वी बेड़े के जहाजों के कमांडिंग अधिकारियों ने क्रांजी वॉर मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित की। यह स्मृति समारोह द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद भारतीय सैनिकों को समर्पित था।
क्रॉस-डेक विज़िट और खेल आयोजनों के माध्यम से द्विपक्षीय संबंध मजबूत
दोनों नौसेनाओं ने:
- क्रॉस-डेक दौरों का आयोजन
- विषय विशेषज्ञों के बीच आदान-प्रदान
- मैत्रीपूर्ण खेल प्रतियोगिताएं
इन आयोजनों से पेशेवर विश्वास, पारस्परिक समझ और नौसैनिक आपसी संचालन क्षमता में वृद्धि हुई।
INS शक्ति पर डेक रिसेप्शन, समुद्री साझेदारी का जश्न
सिंगापुर यात्रा के दौरान INS शक्ति पर एक भव्य डेक रिसेप्शन का आयोजन किया गया, जिसमें शामिल रहे:
- सिंगापुर नौसेना के अधिकारी
- राजनयिक समुदाय के सदस्य
- प्रवासी भारतीय समुदाय
- स्थानीय गणमान्य अतिथि
इस कार्यक्रम ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और सामरिक संबंधों को नई ऊर्जा दी।
SAGAR दृष्टिकोण और भारत की समुद्री प्रतिबद्धता
SAGAR (Security and Growth for All in the Region) भारत की वह नीति है जो समुद्री सुरक्षा, सहयोग और विकास को बढ़ावा देती है। सिंगापुर यात्रा ने इस दिशा में:
- क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया
- अभ्यास और तैनातियों के माध्यम से व्यावहारिक सहयोग को मजबूती दी
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांतिपूर्ण समुद्री मार्गों की रक्षा के संकल्प को दोहराया
भारत-सिंगापुर नौसैनिक संबंधों में नई ऊर्जा
भारतीय नौसेना सिंगापुर यात्रा ने भारत और सिंगापुर के बीच नौसैनिक संबंधों को गहरा करने, समुद्री सहयोग को सुदृढ़ करने और साझा सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। यह यात्रा क्षेत्रीय शांति, सामरिक संतुलन, और नौसैनिक कूटनीति का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बनकर उभरी है।
