भारतीय रेलवे का हरित नवाचार: देश का पहला रिमूवेबल सोलर पैनल सिस्टम और नई तकनीकी उपलब्धियां
रेलवे का हरित कदम: रिमूवेबल सोलर पैनल सिस्टम
“भारतीय रेलवे ने सतत और हरित ऊर्जा की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की है।”
- वाराणसी स्थित बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (BLW) में देश का पहला रिमूवेबल सोलर पैनल सिस्टम लगाया गया है।
- यह सिस्टम 70 मीटर लंबा है और इसमें 28 सोलर पैनल लगाए गए हैं।
- इनकी कुल क्षमता 15 किलोवाट पीक (KWp) है।
रेल मंत्रालय ने कहा कि यह पहल रेलवे को हरित और ऊर्जा-कुशल परिवहन की ओर ले जाएगी।
माल ढुलाई सेवाओं में नया अध्याय
भारतीय रेलवे ने
10 अगस्त को एक और उपलब्धि हासिल की।
- पहली बार नमक से भरी मालगाड़ी चलाई गई।
- यह ट्रेन भुज-नलिया रेलखंड के सनोसरा स्टेशन से दहेज तक रवाना हुई।
- ट्रेन में 3,851.2 टन नमक लदा हुआ था।
- इसने 673.57 किमी की दूरी तय की।
- इससे लगभग 31.69 लाख रुपये की माल ढुलाई आय होने की उम्मीद है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह सुविधा नमक उद्योग के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मजबूत करेगी।
रेलवे विद्युतीकरण में नई तकनीक
पश्चिम रेलवे ने
12 अगस्त को देश का पहला
2×25 kV इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम सफलतापूर्वक चालू किया।
- इसे नागदा–खाचरौद सेक्शन (रतलाम डिवीजन) में लागू किया गया।
- इसमें दो Scott Connected 100 MVA Power Transformers लगाए गए हैं।
- यह प्रणाली ट्रेनों को तेज़ और निर्बाध बिजली सप्लाई सुनिश्चित करेगी।
नागदा ट्रैक्शन सब-स्टेशन भारत का पहला स्टेशन है जिसे
Scott Connected Technology से जोड़ा गया है।
3-Phase
यह तकनीक स्टेशन से आने वाली बिजली को रेलवे की जरूरत के हिसाब से
2-Phase में बदल देती है, जिससे ट्रेनें बिना बाधा के तेज गति से चल पाती हैं।
“भारतीय रेलवे का रिमूवेबल सोलर पैनल सिस्टम, नमक मालगाड़ी सेवा और 2×25 kV ट्रैक्शन सिस्टम तीनों ही कदम रेलवे के हरित और तकनीकी आधुनिकीकरण की दिशा में मील के पत्थर हैं। यह न केवल ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देंगे, बल्कि भारत की लॉजिस्टिक क्षमता और रेल नेटवर्क को भी और अधिक सशक्त बनाएंगे।”