भारतीय शेयर बाजार में सुस्त शुरुआत, स्थिर संस्थागत निवेश के बीच बाजार कंसोलिडेशन जारी
"नकारात्मक एशियाई संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को सुस्त शुरुआत देखी गई। घरेलू बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में मामूली बढ़त रही, जबकि आईटी और ऑटो सेक्टर में बिकवाली का दबाव महसूस किया गया। विश्लेषकों के अनुसार, सकारात्मक ट्रिगर्स के अभाव में भी विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों के स्थिर प्रवाह के कारण बाजार में स्थिरता बनी हुई है। फिलहाल बाजार कंसोलिडेशन फेज में है और निकट भविष्य में भी यह स्थिति जारी रहने की संभावना है।"
सुबह के शुरुआती कारोबार में बाजार का मूड
सुबह करीब 9.29 बजे सेंसेक्स 11.77 अंक यानी 0.01 प्रतिशत बढ़कर 81,644.79 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी में भी 13.20 अंक या 0.05 प्रतिशत की मामूली बढ़त हुई, जो 24,846.80 के स्तर पर था। निफ्टी बैंक 0.15 प्रतिशत बढ़कर 55,627.25 पर पहुंचा। मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक भी बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।
निफ्टी ने गुरुवार को दर्ज की थी शानदार रिकवरी
विश्लेषकों के अनुसार, गुरुवार को निफ्टी ने कारोबार के अंतिम मिनटों में शानदार रिकवरी की थी, जबकि दिन के मध्य समय में यह लाल निशान में था। एक्सिस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख अक्षय चिंचलकर ने बताया कि निफ्टी फिलहाल 24,462 से 25,116 के दायरे में फंसा हुआ है, लेकिन हालिया वापसी तेजी का संकेत देती है।
प्रमुख स्टॉक्स में मिक्स प्रदर्शन
सेंसेक्स के टॉप लूजर्स में इंफोसिस, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल, टाइटन और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड शामिल थे। वहीं, अदाणी पोर्ट्स, इटरनल, मारुति सुजुकी और सन फार्मा टॉप गेनर्स रहे। एशियाई बाजारों में हांगकांग, बैंकॉक, सोल, चीन और जापान लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
अमेरिकी बाजारों का हाल
पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिकी बाजारों में भी सकारात्मक रुझान रहा। डाउ जोंस 0.28 प्रतिशत, एसएंडपी 500 0.40 प्रतिशत और नेस्डैक 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए।
विशेषज्ञों का दृष्टिकोण
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य रणनीतिकार डॉ. वीके विजय कुमार ने बताया कि बाजार पर दो बड़े रुझान असर डाल रहे हैं। एक ओर भारत के मजबूत आर्थिक संकेतक सकारात्मक हैं, वहीं कॉर्पोरेट आय में सुधार अपेक्षा से धीमा है। मजबूत GDP वृद्धि, घटती मुद्रास्फीति, ब्याज दरों में कमी और राजकोषीय सुधार मध्यम अवधि में अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत हैं।
संस्थागत निवेश की भूमिका
स्थिर संस्थागत निवेश के कारण बाजार में स्थिरता बनी हुई है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 29 मई को 884.03 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 4,286.50 करोड़ रुपये का निवेश किया। यह लगातार सुधारती आर्थिक स्थिति और निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत: मुख्य बिंदु
नकारात्मक एशियाई संकेतों के बीच बाजार में मामूली बढ़तआईटी और ऑटो सेक्टर में बिकवाली का दबावएफआईआई और डीआईआई के स्थिर संस्थागत निवेश से बाजार में स्थिरताअमेरिकी बाजारों में भी सकारात्मक रुझानआर्थिक सुधार और मजबूत GDP वृद्धि के सकारात्मक संकेत
"भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत शुक्रवार को सुस्त रही, लेकिन स्थिर संस्थागत निवेश और मजबूत मैक्रोइकॉनोमिक संकेतकों की वजह से बाजार कंसोलिडेशन फेज में बना हुआ है। निवेशकों को आर्थिक सुधारों और कॉर्पोरेट आय में सुधार पर नजर रखनी होगी ताकि बाजार में अगले कदम का बेहतर अंदाजा लगाया जा सके।"
