भारत को मिला मेक इन इंडिया बूस्टर: इजमोमाइक्रो ने बनाई अगली पीढ़ी की सेमीकंडक्टर तकनीक, शेयरों में उछाल
भारत के लिए बड़ी छलांग
“मेक इन इंडिया मिशन को नई रफ्तार मिली है। ऑटोमोटिव रिटेलिंग सॉल्यूशन प्रोवाइडर इजमो के स्पेशल डिविजन इजमोमाइक्रो ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे भारत ने नेक्स्ट-जेनरेशन सेमीकंडक्टर उद्योग में एंट्री कर ली है। कंपनी ने हाई-डेंसिटी सिलिकॉन फोटोनिक्स पैकेजिंग प्लेटफॉर्म तैयार किया है, जिसके बाद शुक्रवार को इसके शेयरों में 20% का अपर सर्किट लगा और भाव 97.90 रुपए बढ़कर ₹587.55 पर पहुंच गए – यह कंपनी का नया सर्वकालिक उच्च स्तर है।”
एआई और 6G नेटवर्क के लिए अहम
बेंगलुरु स्थित कंपनी ने कहा कि यह इनोवेशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
(AI), क्लाउड कंप्यूटिंग, और फ्यूचर टेलीकॉम नेटवर्क को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
- यह तकनीक हाइपरस्केल डेटा सेंटर,
- एआई क्लस्टर,
- और नेक्स्ट-जेनरेशन 5G व 6G नेटवर्क के लिए स्केलेबिलिटी और एफिशिएंसी बढ़ाएगी।
सिलिकॉन फोटोनिक्स प्लेटफॉर्म: खासियतें
कंपनी ने जो प्लेटफॉर्म बनाया है, उसमें कई विशेषताएं हैं:
- 32-चैनल फाइबर इनपुट और आउटपुट सपोर्ट।
- उद्योग में अग्रणी 2 dB से कम इंसर्शन लॉस।
- नैनोमीटर-लेवल ऑप्टिकल अलाइनमेंट और एडवांस असेंबली प्रोसेस।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और फोटोनिक्स का निर्बाध इंटीग्रेशन।
कंपनी के मुताबिक, यह मॉड्यूल
32 DC इनपुट/आउटपुट और
4 RF इनपुट/आउटपुट को इंटीग्रेट करता है और
70 गीगाहर्ट्ज तक हाई-स्पीड
RF परफॉर्मेंस देता है।
वैश्विक स्तर पर दुर्लभ उपलब्धि
इजमोमाइक्रो के कार्यकारी निदेशक दीनानाथ सोनी ने कहा:
“दुनिया भर में केवल कुछ ही कंपनियां इस स्तर की क्षमता का प्रदर्शन कर पाई हैं। भारत में ऐसा करने वाली पहली कंपनी बनने पर हमें गर्व है। यह उपलब्धि हमें ग्लोबल सिलिकॉन फोटोनिक्स उद्योग में एक महत्वपूर्ण भागीदार बनाती है।”
सिलिकॉन फोटोनिक्स क्यों है खास?
आज डेटा की मांग तेजी से बढ़ रही है। पारंपरिक कॉपर इंटरकनेक्ट्स हाई-स्पीड डेटा ट्रांसमिशन के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
- सिलिकॉन फोटोनिक्स कॉपर की जगह ले रहा है।
- यह मल्टी-टेराबिट ऑप्टिकल कम्युनिकेशन के लिए एक प्रमुख तकनीक बन रहा है।
- AI, 6G और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी टेक्नोलॉजीज का भविष्य इसी पर टिका है।
सरकार का समर्थन और निवेश
इसी सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल ने
₹4,600 करोड़ की चार नई सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
- ओडिशा को दो परियोजनाएं,
- आंध्र प्रदेश और पंजाब को एक-एक परियोजना मिली है।
इन स्वीकृतियों के बाद भारत सेमीकंडक्टर मिशन
(ISM) के तहत छह राज्यों में कुल
10 परियोजनाएं सक्रिय हो चुकी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में लाल किले से अपने
79वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन में कहा था कि:
- 2025 के अंत तक भारत निर्मित सेमीकंडक्टर चिप्स बाजार में उपलब्ध होंगे।
- यह आत्मनिर्भर भारत और रणनीतिक स्वायत्तता की दिशा में बड़ा कदम है।
इजमोमाइक्रो की सफलता का महत्व
यह उपलब्धि केवल कंपनी तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत की तकनीकी प्रगति और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की क्षमता का प्रतीक है।
- भारत अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि नेक्स्ट-जेनरेशन सेमीकंडक्टर तकनीक का निर्माता बन रहा है।
- इससे देश को रोजगार, निवेश और तकनीकी आत्मनिर्भरता में बड़ी बढ़त मिलेगी।
- साथ ही भारत वैश्विक चिप सप्लाई चेन में महत्वपूर्ण स्थान हासिल करेगा।
इजमोमाइक्रो का इनोवेशन भारत को नेक्स्ट-जेन सेमीकंडक्टर तकनीक की दुनिया में एक नई पहचान दे रहा है।
- कंपनी के शेयरों में आई तेजी निवेशकों के भरोसे को दर्शाती है।
- सिलिकॉन फोटोनिक्स प्लेटफॉर्म भारत को AI, क्लाउड और 6G टेक्नोलॉजी के भविष्य में एक अहम खिलाड़ी बनाएगा।
- मेक इन इंडिया के तहत यह एक ऐसा मील का पत्थर है, जो आने वाले दशक में भारत की तकनीकी और आर्थिक मजबूती को परिभाषित करेगा।