जल जीवन मिशन 2025: अब 80% से अधिक ग्रामीण परिवारों को मिल रहा है नल से शुद्ध पानी
“2019 में शुरू हुए जल जीवन मिशन (JJM) ने देश की तस्वीर बदलने का काम किया है। ग्रामीण भारत, जो पहले जल संकट से जूझ रहा था, अब “हर घर जल” की ओर बढ़ रहा है। 20 मार्च 2025 तक देश के 80.22% ग्रामीण परिवारों को नल से शुद्ध पेयजल मिल रहा है, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।”
🔹 मिशन की शुरुआत और प्रगति
जल जीवन मिशन की शुरुआत अगस्त 2019 में हुई थी। तब केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास ही नल से जल का कनेक्शन था, यानी कुल ग्रामीण घरों का केवल 16.71%। लेकिन अब तक करीब 12.30 करोड़ नए परिवारों को जोड़ा जा चुका है, जिससे यह संख्या बढ़कर 15.53 करोड़ तक पहुंच गई है।
🔹 अब तक की प्रमुख उपलब्धियाँ:
वर्ष | नल कनेक्शन प्राप्त परिवार (करोड़ में) | कुल प्रतिशत |
---|---|---|
अगस्त 2019 | 3.23 करोड़ | 16.71% |
मार्च 2025 | 15.53 करोड़ | 80.22% |
🔹 जल की गुणवत्ता की जांच: BIS मानकों का पालन
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में केवल नल से जल नहीं पहुंचे, बल्कि वो स्वच्छ और पीने योग्य हो। इसके लिए:
- BIS:10500 मानकों को अपनाया गया है
- हर पाइप जल योजना को फिजियो-केमिकल और बैक्टीरियोलॉजिकल परीक्षणों से गुजरना अनिवार्य किया गया है
- जल नमूने हर माह लिए जाते हैं
🔹 शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त 11 राज्य / केंद्र शासित प्रदेश
जल शक्ति राज्य मंत्री वी. सोमन्ना ने संसद में जानकारी दी कि अब तक 11 राज्य/UTs “हर घर जल” वाले बन चुके हैं। इसका मतलब यह है कि इन क्षेत्रों के 100% ग्रामीण घरों में नल से जलापूर्ति हो रही है।
इन राज्यों में शामिल हैं:
- गोवा
- तेलंगाना
- हरियाणा
- गुजरात
- पंजाब
- हिमाचल प्रदेश
- पुडुचेरी
- अंडमान-निकोबार द्वीप
- दमन-दीव व दादरा नगर हवेली
- सिक्किम
- लक्षद्वीप
🔹 अंतरराष्ट्रीय सहयोग: भारत-डेनमार्क साझेदारी
जल जीवन मिशन को वैश्विक स्तर पर भी समर्थन मिल रहा है। भारत और डेनमार्क ने 28 सितंबर 2020 को एक “हरित रणनीतिक साझेदारी” की शुरुआत की थी।
इसके अंतर्गत 2021-2024 की एक संयुक्त कार्य योजना बनाई गई जिसमें शामिल हैं:
- जल वितरण और आपूर्ति प्रणाली
- अपशिष्ट जल और सीवरेज उपचार
- पुनः उपयोग योग्य जल तकनीक
- ऊर्जा अनुकूलन और जल प्रबंधन
यह साझेदारी राष्ट्रीय जल जीवन मिशन को तकनीकी सहयोग और सतत जल प्रबंधन के लिए सहायता देती है।
🔹 उपचारित अपशिष्ट जल का पुनः उपयोग
जल शक्ति मंत्रालय अब न केवल शुद्ध जल की आपूर्ति पर ध्यान दे रहा है, बल्कि अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग की दिशा में भी काम कर रहा है। इसका उद्देश्य:
- अपशिष्ट जल को साफ करके सिंचाई, औद्योगिक उपयोग, और शौचालय फ्लशिंग जैसे कार्यों में लाना
- पर्यावरण संरक्षण
- जल की बर्बादी को रोकना
🔹 मिशन के प्रभाव:
- स्वास्थ्य में सुधार: स्वच्छ जल से डायरिया, पेचिश जैसी बीमारियाँ कम हुईं
- महिलाओं और बच्चों को राहत: अब उन्हें दूर से पानी लाने की जरूरत नहीं
- शिक्षा पर सकारात्मक असर: बच्चों की स्कूल उपस्थिति बढ़ी
- ग्रामीण विकास में तेजी: जल आधारभूत संरचना का निर्माण
🔹 चुनौतियां जो अब भी मौजूद हैं
- शेष 20% घरों तक जल पहुंचाना
- जल स्रोतों का स्थायित्व सुनिश्चित करना
- गुणवत्ता नियंत्रण में निरंतर निगरानी
- जन-जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी बढ़ाना
🔹 आगे की राह
सरकार का लक्ष्य है कि 2025 के अंत तक शेष सभी ग्रामीण घरों तक नल से जल पहुंचे। इसके लिए:
- पंचायती राज संस्थानों की भागीदारी
- जल संरक्षण तकनीकियों का इस्तेमाल
- हर ग्राम में जल समितियाँ बनाना
- मोबाइल ऐप्स के ज़रिये निगरानी
निष्कर्ष
जल जीवन मिशन केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन बन चुका है। यह ग्रामीण भारत के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन ला रहा है – स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण सभी इससे जुड़े हैं। सरकार, समुदाय और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों के सहयोग से यह मिशन आगे बढ़ता रहेगा।