जिमी कार्टर: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति का 100 वर्ष की आयु में निधन
“अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह अब तक के सबसे अधिक उम्र तक जीवित रहने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति थे। कार्टर का निधन उनके गृह राज्य जॉर्जिया में हुआ, जहां वे त्वचा के कैंसर (मेलानोमा) के इलाज बंद कर देने के बाद अपने परिवार के साथ देखभाल में थे।”
शांति और मानवाधिकारों के प्रति समर्पित जीवन
जिमी कार्टर 1977 से 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे। उनके कार्यकाल में इजरायल और मिस्र के बीच ऐतिहासिक कैंप डेविड समझौता हुआ। राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद भी उन्होंने मानवाधिकार, लोकतंत्र और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर उल्लेखनीय काम किया। 2002 में उन्हें शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कार्टर ने जीवनभर शांति, मानवाधिकार और लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाया। उनके बेटे चिप कार्टर ने कहा, “मेरे पिता नायक थे, जिन्होंने दुनिया को एक परिवार मानते हुए शांति और प्रेम के संदेश को फैलाया।”
जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप की श्रद्धांजलि
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कार्टर को याद करते हुए कहा, “आज अमेरिका और दुनिया ने एक महान नेता और मानवतावादी को खो दिया है। जिमी कार्टर ने अपनी कथनी से अधिक करनी में विश्वास किया। उन्होंने न केवल अमेरिका में, बल्कि दुनिया भर में बीमारी, भुखमरी और असमानता को खत्म करने के लिए काम किया।”
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि “उनके नेतृत्व ने एक कठिन दौर में अमेरिका को संभाला।”
भारत से विशेष संबंध
जिमी कार्टर 1978 में भारत आए थे। उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी और प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से मुलाकात की थी। उनकी भारत यात्रा के दौरान गुरुग्राम के जिस गांव में उन्होंने कदम रखा, उसका नाम उनके सम्मान में “कार्टरपुरी” रखा गया, जो आज भी उसी नाम से जाना जाता है।
उनकी स्मृति का सम्मान
जिमी कार्टर की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए, लोग उनके मानवाधिकारों और लोकतंत्र के प्रति उनके योगदान को याद कर रहे हैं। वह न केवल एक राजनेता बल्कि एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किया। उनकी स्मृति को हमेशा मानवता के प्रति उनके समर्पण के लिए याद किया जाएगा।