कुलगाम ऑपरेशन: रक्षाबंधन पर शहादत, दो वीर जवान शहीद, आतंकियों के खिलाफ सेना का अभियान जारी
कुलगाम ऑपरेशन: लश्कर के आतंकियों के खिलाफ नौवें दिन भी अभियान जारी, दो जवान शहीद, चार घायल
“जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों के खिलाफ सेना का ऑपरेशन लगातार जारी है। कुलगाम ऑपरेशन के नौवें दिन भी सुरक्षा बल आतंकियों को घेरने और समाप्त करने के लिए सघन तलाशी अभियान चला रहे हैं। इस मुठभेड़ में सेना के दो बहादुर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जबकि चार अन्य सैनिक घायल हुए।”1
रक्षाबंधन के दिन आई दुखद खबर
रक्षाबंधन के दिन जब देशभर में बहनें अपने भाइयों के लिए राखी बांधने की तैयारी कर रही थीं, तब कुलगाम से आई इस खबर ने पूरे देश को शोक में डाल दिया। शहीद जवानों की पहचान लांस नायक प्रितपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह के रूप में हुई है।
चिनार कोर ने दी श्रद्धांजलि
भारतीय सेना की चिनार कोर ने
X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर इन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। पोस्ट में कहा गया,
“चिनार कोर राष्ट्र के लिए कर्तव्य निभाते हुए बहादुर लांस नायक प्रितपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह के सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करता है। उनका साहस और समर्पण हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा। भारतीय सेना गहरी संवेदना व्यक्त करती है और शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ी है। अभियान जारी है।”
रात भर चली गोलीबारी
ऑपरेशन अखल के तहत बीती रात सेना और आतंकियों के बीच भीषण गोलीबारी हुई। चिनार कोर के अनुसार, रातभर रुक-रुक कर और तेज फायरिंग होती रही। सतर्क सैनिकों ने संतुलित और सटीक गोलीबारी करते हुए आतंकियों की घेराबंदी को और मजबूत किया।
अब तक का ऑपरेशन
1 अगस्त से शुरू हुए इस कुलगाम ऑपरेशन में अब तक तीन आतंकियों को ढेर किया जा चुका है। यह संयुक्त अभियान भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप
(SOG) द्वारा चलाया जा रहा है।
पहले हफ्ते में भी एक आतंकवादी को मार गिराया गया था, लेकिन इलाके में मौजूद बाकी आतंकियों को खत्म करने के लिए ऑपरेशन जारी रखा गया।
स्थानीय लोगों की सुरक्षा प्राथमिकता
सुरक्षा बलों ने बताया कि इस पूरी कार्रवाई के दौरान स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। गांवों में सर्च ऑपरेशन के दौरान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
लश्कर-ए-तैयबा की मौजूदगी की पुष्टि
जांच एजेंसियों और खुफिया सूत्रों के मुताबिक, इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के कई आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिली थी। इसी के आधार पर सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान शुरू किया।
शहीदों का बलिदान नहीं होगा व्यर्थ
देशभर से सेना और नागरिक समाज ने शहीद जवानों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की है। लोगों का कहना है कि इनका बलिदान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई को और तेज करेगा।
परिवारों में गम का माहौल
शहीद जवानों के घरों में मातम का माहौल है। परिजन गर्व और दुःख के मिश्रित भाव से उन्हें याद कर रहे हैं। गांव और शहरों में लोगों ने शहीदों के सम्मान में मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी।
कुलगाम ऑपरेशन की रणनीति और चुनौतियां
- घने जंगल और पहाड़ी इलाकों में आतंकियों का छिपना बड़ी चुनौती है।
- रात में ऑपरेशन चलाने के लिए सैनिकों को विशेष उपकरणों का इस्तेमाल करना पड़ता है।
- आतंकियों की संख्या और उनकी हथियारों से लैस स्थिति ऑपरेशन को लंबा खींच देती है।
जम्मू-कश्मीर में बढ़ते ऑपरेशनों के पीछे कारण
- सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें
- स्थानीय नेटवर्क के जरिए छुपने में मदद
- सुरक्षा बलों के लगातार दबाव के कारण आतंकियों का सीमित इलाकों में सिमटना