महाकुंभ 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हनुमान मंदिर में आध्यात्मिक आराधना की
महाकुंभ 2025 के शुभ अवसर पर, भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने प्रयागराज के पवित्र त्रिवेणी संगम में भक्तिभाव से स्नान किया। इस पवित्र स्थल पर उन्होंने वैदिक मंत्रों की ध्वनि के बीच गहन पूजा और आरती भी अर्पित की। इस धार्मिक अनुष्ठान के दौरान, वह महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता की साक्षी बनीं।
राष्ट्रपति ने प्रयागराज के प्रमुख तीर्थ स्थलों का भ्रमण किया, जिसमें अक्षयवट और सरस्वती कूप शामिल हैं। अक्षयवट को हिन्दू धर्म में अमरता का प्रतीक माना जाता है और यह स्थल पुराणों में भी वर्णित है। उन्होंने यहां दर्शन किया और धार्मिक विधि-विधान से पूजन संपन्न किया। इसी क्रम में बड़े हनुमान मंदिर में भी उन्होंने पूजा अर्चना की और देश के सुख-समृद्धि की कामना की।
इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। इस अवसर पर डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र का भी अवलोकन किया गया, जहां महाकुंभ के विस्तृत जानकारियों को तकनीकी माध्यमों से प्रदर्शित किया जा रहा है। इस केंद्र को स्थापित करने का उद्देश्य देश-विदेश के श्रद्धालुओं को इस महान आयोजन का अनुभव और भी गहराई से कराना है।
राष्ट्रपति द्वारा इस केंद्र के अनुभव के दौरान, मुख्यमंत्री ने उन्हें इसकी विशेषताओं से परिचित कराया। इस पहल का उद्देश्य धार्मिक आयोजनों को आधुनिक और डिजिटल युग से जोड़ना है, जिससे यह अधिक सुलभ और व्यापक हो सके।
अंत में, उनके प्रयागराज आगमन पर, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उनका स्वागत किया और उन्हें अरैल घाट से क्रूज पर सवार होकर त्रिवेणी संगम तक पहुंचाया गया। इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ने नौका विहार का आनंद उठाया और पक्षियों को दाना खिलाया, जिससे उनके इस यात्रा की यादें और भी मधुर बन गईं।