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महाकुंभ 2025: स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त आयोजन के लिए 1.5 लाख टॉयलेट और 25 हजार डस्टबिन की तैयारी

” महाकुंभ 2025 के स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने 1.5 लाख अस्थायी टॉयलेट और 25 हजार डस्टबिन लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। यह कदम महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ वातावरण प्रदान करने और पर्यावरण को संरक्षित रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।”


स्वच्छता पर विशेष जोर

महाकुंभ, जो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, में स्वच्छता एक बड़ी चुनौती होती है। इस बार प्रयागराज प्रशासन ने स्वच्छता के प्रति एक व्यापक कार्य योजना तैयार की है। इसके तहत:

  1. 1.5 लाख टॉयलेट की स्थापना की जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छता से जुड़ी कोई असुविधा न हो।
  2. 25 हजार डस्टबिन को प्रमुख स्थानों, घाटों और शिविरों में लगाया जाएगा।
  3. प्लास्टिक मुक्त अभियान के अंतर्गत सिंगल-यूज प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाएगा।

स्वच्छता का महत्व

प्रशासन ने बताया कि महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालु स्वच्छता और सुविधाओं को लेकर पूरी तरह निर्भर होते हैं। ऐसे में इन सुविधाओं का विस्तार और सख्त निगरानी से आयोजन को “स्वच्छ महाकुंभ” के रूप में सफल बनाया जाएगा।

प्रयागराज के जिला अधिकारी ने कहा:
“हमारा लक्ष्य महाकुंभ को न केवल एक भव्य धार्मिक आयोजन बनाना है, बल्कि इसे स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के मॉडल के रूप में प्रस्तुत करना है।”


प्रमुख कदम और सुविधाएं

  1. मोबाइल टॉयलेट: जगह-जगह पर अस्थायी और मोबाइल टॉयलेट की सुविधा।
  2. स्वच्छता कर्मियों की तैनाती: कुंभ क्षेत्र में हजारों सफाईकर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी।
  3. कूड़ा निस्तारण केंद्र: कुंभ क्षेत्र में इकट्ठे हुए कचरे को वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित करने की व्यवस्था।
  4. जागरूकता अभियान: श्रद्धालुओं को जागरूक करने के लिए स्वच्छता ब्रिगेड और स्वयंसेवी संगठनों की मदद ली जाएगी।

प्लास्टिक मुक्त महाकुंभ

सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठा रहा है। श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे कपड़े के बैग और बायोडिग्रेडेबल सामग्री का उपयोग करें। दुकानदारों और शिविर आयोजकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे प्लास्टिक के बजाय पर्यावरण के अनुकूल विकल्प अपनाएं।


तकनीक की मदद

महाकुंभ क्षेत्र में स्वच्छता की निगरानी के लिए CCTV कैमरे और ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा स्वच्छता एप भी लॉन्च किया जाएगा, जिससे लोग स्वच्छता से जुड़ी समस्याओं की जानकारी सीधे प्रशासन को दे सकेंगे।


जनभागीदारी पर जोर

प्रशासन ने इस बार जनभागीदारी को विशेष प्राथमिकता दी है। स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए स्थानीय निवासियों, स्वयंसेवकों और संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।

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