महालया पर्व पर नेताओं की शुभकामनाएं
“देशभर में महालया पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस पुर जम्हूरी त्योहार के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने देशवासियों को बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि जैसे-जैसे दुर्गा पूजा के पवित्र दिन नजदीक आ रहे हैं, हमारा जीवन प्रकाश और उद्देश्य से भर जाए। उन्होंने कामना की कि मां दुर्गा का आशीर्वाद सभी को शक्ति, आनंद और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करे।”
अमित शाह और ममता बनर्जी के संदेश केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि मां दुर्गा का आशीर्वाद सभी घरों में आनंद, शक्ति और समृद्धि लाए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपनी पोस्ट में 'जागो दुर्गा, जागो' गीत साझा किया और महालया पर्व को देवी की शक्ति और करुणा का प्रतीक बताया।
महालया का महत्व महालया देवी पक्ष की शुरुआत का संकेत है, जो दस दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव की नींव रखता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह दिन देवी दुर्गा के पृथ्वी पर आगमन का प्रतीक है। महालया को अच्छाई की बुराई पर विजय के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व महिषासुर नामक राक्षस पर देवी दुर्गा की जीत का स्मरण कराता है।
पश्चिम बंगाल में विशेष परंपराएं पश्चिम बंगाल में महालया का विशेष महत्व पश्चिम बंगाल में है। इस दिन की शुरुआत भोर से पहले 'महिषासुर मर्दिनी' कार्यक्रम के प्रसारण से होती है। इसमें देवी दुर्गा का आह्वान करने वाले भजन और मंत्र गाये जाते हैं। बंगाल के लोगों के लिए इसको सुनना एक परंपरा है जो पीढ़ियों से चली आ रही है। चोखू दान की प्रतीक्षा महालया के दिन मूर्तिकार देवी दुर्गा की प्रतिमा को विशेषतः सजाते हैं। 'चोखू दान' नाम के अनुष्ठान में देवी की आँखों का चित्रण किया जाता है। यह अनुष्ठान दुर्गा पूजा की तैयारियों का सबसे उत्कृष्ट हिस्सा माना जाता है।
पूर्वजों को तर्पण पश्चिम बंगाल में महालया पर्व पर हजारों लोग अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘तर्पण’ करते हैं। सुबह-सुबह हुगली नदी और अन्य जलाशयों के किनारे लोग जल अर्पित करते हैं। इस अनुष्ठान को पितरों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता की अभिव्यक्ति माना जाता है।
त्योहारों के मौसम की शुरुआत महालया को ही दुर्गा पूजा के रूप में और त्योहारों के मौसम की शुरुआत के रूप में माना जाता है। इस दिन से ही पूरे राज्य में उत्सव का माहौल स्थापित हो जाता है। बाजार, मंदिर और घर सजने लगते हैं और लोग नवरात्रि व दुर्गा पूजा की तैयारियों में जुट जाते हैं।
