पीएम मोदी ने संकट के माध्यम से आत्मविश्वास बनाया, भारत को ‘फ्रैजाइल फाइव’ में चौथा सबसे बड़ा अर्थव्यवस्था बनाया।
“भारतीय राजनीति में पीएम नरेंद्र मोदी का नेतृत्व हमेशा चर्चा के विषय रहा है। हाल ही में उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने पीएम मोदी की दो नई पुस्तकों का लोकार्पण किया। इन पुस्तकों में उनकी चयनित स्पीच और ‘मन की बात’ के संबोधन शामिल हैं। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि पीएम मोदी आत्मविश्वास की मिसाल हैं, जिन्होंने भारत को ‘फ्रैजाइल फाइव’ की श्रेणी से हटाकर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाया। राष्ट्र पहले की राजनीति उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनता का सच्चा नेता बताते हुए कहा कि उनकी राजनीति ‘राष्ट्र पहले’ की भावना पर आधारित है। यही कारण है कि उनके निर्णय केवल राजनीति तक सीमित नहीं रहते, बल्कि समाज और देश के हर वर्ग को छूते हैं। उनके कार्यकाल में पीएम मोदी आत्मविश्वास का प्रतीक बनकर उभरे और देश को नई दिशा दी।”
मंत्र जो सेवा और स्वावलंबन का है। सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा, पीएम मोदी की राजनीति जीविका पर नहीं बल्कि सेवा पर केंद्रित है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्वच्छ भारत अभियान है, जिसे प्रधानमंत्री ने जनभागीदारी से जन आंदोलन का रूप दे दिया। उन्होंने लोगों में यह भावना पैदा की कि "स्वच्छता ही सेवा है"。 यह अभियान सरकारी प्रयास तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि हर नागरिक का व्यक्तिगत संकल्प बन गया। आत्मनिर्भरता की राह कोविड संकट कोविड-19 महामारी के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ाया। कठिन परिस्थितियों में भी उनकी विश्वास ऐसा नहीं था जो 140 करोड़ भारतीयों की सामूहिक शक्ति पर तस्वीर सजाए। उपराष्ट्रपति ने कहा, पीएम मोदी आत्मविश्वास के कारण भारत न केवल महामारी से निकला ही बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी मजबूती से आगे बढ़ा।
आत्मनिर्भर भारत और स्टार्टअप इंडिया इन नए पुस्तकों में पीएम मोदी के चौथे और पांचवें कार्यकाल की 150 से भी अधिक स्पीच शामिल हैं। इनमें आत्मनिर्भर भारत, स्टार्टअप इंडिया, काशी तमिल संगमम, जनजातीय गौरव दिवस और राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने जैसे मुद्दों का जिक्र है। इन सभी कोशिशों ने यह साबित किया कि पीएम मोदी आत्मविश्वास के साथ हर पहल को राष्ट्रहित में बदलते हैं। जनता की शक्ति पर विश्वास उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए कोई भी लक्ष्य बहुत दूर नहीं होता। इसका कारण यह है कि वे हमेशा जनता से ऊर्जा और शक्ति प्राप्त करते रहते हैं। चाहे विश्व स्तर की चुनौतियाँ हों या घरेलू समस्याएं, मोदी कभी भी सामूहिक निर्णय और विश्वास पर भरोसा करते हैं।
140 करोड़ भारतीयों का संकल्प इन पुस्तकों में दर्ज भाषण 140 करोड़ भारतीयों की ताकत, अनुशासन और संकल्प का चित्रण करते हैं। प्रधानमंत्री ने हर अवसर पर यह बताया कि जब जनता एकजुट होती है तो असंभव भी संभव हो जाता है। यही भावना उन्हें हर बार नई उपलब्धियों की ओर ले जाती है। संकट को अवसर में बदलने की कला उपराष्ट्रपति ने कहा, "पीएम मोदी की सबसे बड़ी खूबी उनकी सकारात्मक सोच है। वे किसी भी संकट को अवसर में बदलने की कला रखते हैं। यही कारण है कि भारत को 'फ्रैजाइल फाइव' से बाहर निकालकर उन्होंने चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया। यह उपलब्धि केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राष्ट्र के आत्मविश्वास की भी कहानी है।
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा प्रधानमंत्री मोदी का सफर राजनीतिक उपलब्धियों तक ही सीमित नहीं है। उनकी कार्यशैली नई पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा बनती है। युवाओं को उद्यमिता, नवाचार और आत्मनिर्भरता की ओर नेलेने में उनका योगदान महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी आत्मविश्वास का यह भाव युवाओं में जिम्मेदारी और साहस की भावना उत्पन्न करता है। विश्व मंच पर भारत की पहचान मोदी के नेतृत्व में विश्व मंच पर भारत ने एक अलग से पहचान बनाई है। चाहे G20 की अध्यक्षता हो, अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर जलवायु परिवर्तन पर भारत की दृष्टिकोण हो या डिजिटल इंडिया का विस्तार, हर जगह प्रधानमंत्री ने आत्मविश्वास के साथ भारत की आवाज बुलंद की। यह आत्मविश्वास का प्रभाव दिखाता है कि न केवल देशभर के भीतर है, बल्कि विश्व मल पर भी स्पष्ट है।
