म्यूचुअल फंड हाउसों ने आईपीओ में 5,294 करोड़ रुपये किए निवेश, स्मॉल-कैप फंडों में दिखी सबसे तेज़ वृद्धि
म्यूचुअल फंड हाउसों ने आईपीओ में 5,294 करोड़ रुपये किए निवेश, स्मॉल-कैप फंडों में दिखी सबसे तेज़ वृद्धि
“भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग ने वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में नए आईपीओ में बढ़-चढ़कर भाग लिया है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि के दौरान कुल ₹5,294 करोड़ का निवेश नए आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (IPO) में किया गया, जो निवेशकों के बढ़ते भरोसे और बाज़ार में नई ऊर्जा को दर्शाता है।”
आईपीओ में सबसे अधिक निवेश पाने वाली कंपनियाँ
रिपोर्ट के अनुसार, जिन कंपनियों में सबसे अधिक निवेश किया गया, उनमें शामिल हैं:
- एथर एनर्जी – ₹1,351 करोड़
- एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज – ₹1,331 करोड़ (मिडकैप)
- श्लॉस बैंगलोर – ₹679 करोड़
- एजिस वोपाक टर्मिनल्स – ₹495 करोड़
- बेलरिस इंडस्ट्रीज – ₹398 करोड़
- ओसवाल पंप्स – ₹387 करोड़
- एलेनबेरी इंडस्ट्रियल गैसेस – ₹357 करोड़
- कल्पतरु – ₹241 करोड़
- संभव स्टील ट्यूब्स – ₹55 करोड़
इनमें से अधिकांश कंपनियाँ स्मॉल-कैप कैटेगरी में आती हैं, और सिर्फ एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज को मिडकैप के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
बेंचमार्क प्रदर्शन से बेहतर प्रदर्शन करने वाली योजनाएँ
वेंचुरा की रिपोर्ट में बताया गया कि जनवरी-मार्च
2025 के दौरान:
- 335 प्रमुख इक्विटी योजनाओं में से 90% योजनाओं ने निफ्टी 50 टीआरआई से बेहतर प्रदर्शन किया।
- हालांकि, सिर्फ 41% योजनाएँ ही अपनी-अपनी कैटेगरी के बेंचमार्क से बेहतर रहीं।
इसमें सबसे उल्लेखनीय रहा इन्वेस्को म्यूचुअल फंड, जिसकी
16 में से
13 योजनाओं ने अपने बेंचमार्क को पछाड़ा।
मध्यम आकार के फंडों ने दिखाया व्यापक प्रदर्शन
- आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड और आदित्य बिड़ला एसएल म्यूचुअल फंड की योजनाओं ने बेहतर बेंचमार्क प्रदर्शन किया।
- रिपोर्ट में बताया गया कि मिराए, कोटक, निप्पॉन, एडलवाइस, केनरा रोबेको जैसे म्यूचुअल फंड हाउसों की सभी योजनाओं ने निफ्टी को मात दी।
- यह प्रदर्शन दिखाता है कि मध्यम आकार के फंडों में निवेशकों को विविध और बेहतर अवसर मिल रहे हैं।
स्मॉल-कैप फंडों में सबसे तेज़ एयूएम वृद्धि
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि:
- स्मॉल-कैप फंडों में एयूएम में 20% की वृद्धि दर्ज की गई, जो सभी फंड कैटेगरी में सबसे अधिक है।
- पिछली तिमाही में रैंकिंग के निचले पायदान पर रहने के बाद अब ये फंड टॉप पर पहुंच गए हैं।
- मिडकैप फंडों में 17% और मल्टीकैप फंडों में 16.5% की वृद्धि देखी गई।
निवेशकों की रणनीति में बदलाव
यह तेजी दर्शाती है कि निवेशक अब:
- सिर्फ लार्ज-कैप पर भरोसा नहीं कर रहे
- वे मार्केट-कैप कर्व से नीचे जाकर भी अच्छे रिटर्न की तलाश कर रहे हैं
- घरेलू खुदरा निवेशकों का भरोसा स्मॉल और मिडकैप कंपनियों में बढ़ रहा है
- अच्छे मूल्यांकन, मजबूत कमाई की संभावनाएँ, और IPO अवसरों को पकड़ने की मानसिकता विकसित हुई है
म्यूचुअल फंड उद्योग का अप्रैल-जून तिमाही का प्रदर्शन दर्शाता है कि भारत का रिटेल निवेशक वर्ग अब ज्यादा समझदारी और विविधता के साथ निवेश कर रहा है।
- IPO में 5,294 करोड़ रुपये का निवेश
- स्मॉल-कैप फंडों में सबसे तेज़ वृद्धि
- और बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करने वाली योजनाएं
ये सभी संकेत देते हैं कि भारत का म्यूचुअल फंड परिदृश्य तेजी से परिपक्व और अवसर-केंद्रित बनता जा रहा है।