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Narak Chaturdashi 2024: नरक चतुर्दशी पर क्यों होती है हनुमान जी की पूजा, जानें नरक चतुर्दशी की शाम बजरंगबली के लिए कौन-सा दीया जलाएं

2024 में नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है, 9 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि यह यमराज की पूजा का दिन होता है, लेकिन साथ ही इस दिन हनुमान जी की पूजा का भी खास महत्व है।

नरक चतुर्दशी पर हनुमान जी की पूजा का महत्व

नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जी की पूजा करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा से सभी पाप धुल जाते हैं और भक्तों को आत्मिक शक्ति और संजीवनी मिलती है। बजरंगबली को संकटमोचन कहा जाता है, और उनकी आराधना से जीवन में आने वाले सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।

पूजा की विधि

  1. दीप जलाना: नरक चतुर्दशी की शाम को हनुमान जी के समक्ष एक विशेष दीया जलाना चाहिए।
  2. पूजन सामग्री:
    • दीया: हनुमान जी के लिए विशेष रूप से नारियल के तेल का दीया जलाएं।
    • प्रसाद: गुड़, चूरमा या बेसन के लड्डू का भोग अर्पित करें।
    • फूल: लाल या पीले रंग के फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है।
  3. पूजा की प्रक्रिया:
    • पहले हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति को स्नान कराकर स्वच्छ करें।
    • फिर, दीया जलाकर उसके चारों ओर प्रसाद रखें।
    • हनुमान चालीसा का पाठ करें या उनका नाम जपें।
    • अंत में, अपनी इच्छाओं और समस्याओं को उनके समक्ष रखें और उन्हें हल करने की प्रार्थना करें।

शुभ मुहूर्त

नरक चतुर्दशी के दिन विशेष रूप से शाम को दीया जलाने का समय महत्वपूर्ण होता है। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को सूरज ढलने के बाद माना जाता है, जब दिन का प्रकाश समाप्त हो जाता है।

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