Naraka Chaturdashi 2024: छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी पर क्यों होती है यमराज की पूजा, शुभ मुहूर्त में शाम को ऐसे जलाएं यम का दीया
2024 में नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है, 9 नवंबर को मनाई जाएगी। यह पर्व विशेष रूप से यमराज की पूजा के लिए प्रसिद्ध है और इसे दिवाली महापर्व की शुरुआत माना जाता है।
नरक चतुर्दशी का महत्व
नरक चतुर्दशी का दिन यमराज से जुड़ा हुआ है, जो मृत्यु और जीवन के देवता माने जाते हैं। इस दिन, भक्त यमराज की पूजा करके उनके प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करते हैं। मान्यता है कि इस दिन यमराज की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके पाप धुल जाते हैं।
पूजा की विधि
- दीप जलाना: इस दिन शाम के समय घर के दरवाजे पर यम का दीया जलाना शुभ माना जाता है। इसे जलाने से यमराज घर के आस-पास आते हैं और परिवार की रक्षा करते हैं।
- पूजन सामग्री: पूजा के लिए एक दीया, तेल, सूखे मेवे, नारियल और चावल की आवश्यकता होती है। दीये में तेल डालकर उसे साफ करके उसमें एक या दो बत्तियाँ रखें।
- पूजा की प्रक्रिया:
- सबसे पहले घर के मंदिर या पूजा स्थान को स्वच्छ करें।
- यमराज की तस्वीर या प्रतीक को स्थापित करें।
- फिर, दीप जलाकर उसके चारों ओर चावल और अन्य पूजा सामग्री रखें।
- इसके बाद, यमराज का ध्यान करें और प्रार्थना करें कि वे आपके परिवार को सदैव सुरक्षित रखें।
शुभ मुहूर्त
नरक चतुर्दशी पर दीया जलाने का शुभ मुहूर्त शाम के समय होता है। विशेष रूप से इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करके यमराज की पूजा करना और शाम को दीया जलाना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस दिन प्रातःकाल से लेकर शाम के समय तक विशेष पूजा विधियों का पालन करना चाहिए।
