ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट: पाकिस्तान से अवैध आयात पर DRI की बड़ी कार्रवाई, 39 कंटेनर जब्त
"राजस्व खुफिया निदेशालय
(DRI) ने पाकिस्तान में तैयार सामग्रियों के भारत में ग़ैरकानूनी आयात को रोकने के लिए एक बड़े अभियान "ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट" को अंजाम दिया है। इस अभियान के तहत अब तक लगभग
₹9 करोड़ मूल्य के
1,115 मीट्रिक टन माल से भरे
39 कंटेनरों को जब्त किया गया है। इस कार्रवाई में एक फर्म के साझेदार को गिरफ्तार भी किया गया है, जिसने पाकिस्तान से सामग्री लाकर उसे दुबई से आयातित बताकर सरकारी प्रतिबंधों को दरकिनार करने का प्रयास किया।"
पहलगाम आतंकी हमलों के बाद नीति में बदलाव
- 2 मई 2025 से, भारत सरकार ने पाकिस्तान से किसी भी प्रकार के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया।
- इससे पहले, ऐसे माल पर 200% सीमा शुल्क लगाया जाता था।
- इस प्रतिबंध के बावजूद कुछ आयातक दस्तावेजों में हेराफेरी कर माल को UAE जैसे देशों के रास्ते भारत लाने का प्रयास कर रहे थे।
कैसे हुआ खुलासा?
जांच में
DRI को पता चला कि:
- माल को पाकिस्तान से दुबई के जबल अली बंदरगाह पर ट्रांसशिप किया गया।
- इसके बाद नई पहचान के साथ वह भारत के न्हावा शेवा बंदरगाह भेजा गया।
- दस्तावेजों की गहन जांच और डेटा एनालिटिक्स से इस हेरफेर का पर्दाफाश हुआ।
पाकिस्तानी लिंक और वित्तीय अनियमितता
- माल के साथ जुड़े वित्तीय लेनदेन में पाकिस्तानी संस्थाओं की भागीदारी पाई गई।
- जांच से पता चला कि यह पूरा नेटवर्क एक जटिल अंतरराष्ट्रीय लेनदेन प्रणाली पर आधारित था, जिसका उद्देश्य मूल देश पाकिस्तान को छिपाना था।
- यह मामला सिर्फ व्यापारिक नियमों का उल्लंघन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक संप्रभुता से जुड़ा है।
DRI की रणनीतिक कार्रवाई और महत्व
- DRI ने खुफिया सूचनाओं, इंटरसेप्ट्स और लॉजिस्टिक डेटा के माध्यम से इन कंटेनरों की पहचान की।
- पाकिस्तान से होने वाले अप्रत्यक्ष व्यापार और पारगमन को रोकने के लिए सक्रिय निगरानी तंत्र को मजबूत किया गया है।
- यह कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारत की सख्त सुरक्षा रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जा रही है।
यह क्यों महत्वपूर्ण है?
- पाकिस्तान से सामग्री को अन्य देशों के माध्यम से आयात करना, भारत की आयात नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा का सीधा उल्लंघन है।
- ऐसी सामग्रियों के आयात से भारत में आर्थिक रिसाव, सुरक्षा खतरे, और नीति का मज़ाक उड़ाने जैसी स्थिति उत्पन्न होती है।
- ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट भारत की आर्थिक सीमाओं को सुरक्षित रखने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
आगे क्या?
- DRI आगे भी ऐसे मामलों में जांच और जब्ती अभियान जारी रखेगा।
- अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय लेन-देन पर निगरानी को और मजबूत किया जाएगा।
- जिन फर्मों ने दस्तावेजों में हेराफेरी की है, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
"ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट न केवल
DRI की कड़ी निगरानी और रणनीतिक एक्शन का उदाहरण है, बल्कि यह भारत की राष्ट्रीय नीति और सुरक्षा के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस दृष्टिकोण को भी दर्शाता है। इस प्रकार की कार्रवाइयाँ यह सुनिश्चित करती हैं कि भारत के व्यापारिक और सुरक्षा हितों के साथ कोई समझौता न हो।"