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जनजातीय समाज के गौरव पंडी राम मंडावी को मिला पद्मश्री सम्मान

रायपुर, 27 मई 2025 — छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के छोटे से गांव गढ़बेंगाल में रहने वाले पंडी राम मंडावी को देश के प्रतिष्ठित पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया।”

राष्ट्रपति ने जनजातीय समाज के सेवक को दिया सम्मान

पंडी राम मंडावी वर्षों से आदिवासी समुदाय के उत्थान में लगे हुए हैं। उन्होंने न केवल शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में काम किया, बल्कि अपने समाज को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास किए। उनकी मेहनत और समर्पण को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2025 के पद्म पुरस्कारों की सूची में शामिल किया।

पंडी राम मंडावी पद्मश्री सम्मान – छत्तीसगढ़ की पहचान

पंडी राम मंडावी पद्मश्री सम्मान छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गर्व का विषय है। यह न केवल मंडावी की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि पूरे नारायणपुर जिले और राज्य की जनजातीय संस्कृति की मान्यता भी है।

समाज सेवा में जीवन खपा देने वाले मंडावी की कहानी

पंडी राम मंडावी का जीवन एक प्रेरणादायक गाथा है। उन्होंने बचपन से ही समाजसेवा का व्रत लिया और गांव-गांव जाकर लोगों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने आदिवासी परंपराओं और लोक संस्कृति को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाई।

संस्कृति, शिक्षा और जनजागृति में विशेष योगदान

उनका योगदान कई क्षेत्रों में है:

  • शिक्षा: मंडावी ने जनजातीय बच्चों की शिक्षा के लिए अपने घर को ही विद्यालय बना दिया था।
  • संस्कृति: उन्होंने पारंपरिक लोकनृत्य, गीत और रीति-रिवाजों को जीवित रखने के लिए कई सांस्कृतिक आयोजनों की शुरुआत की।
  • जागरूकता: उन्होंने स्वास्थ्य, स्वच्छता और सरकारी योजनाओं के प्रति जनजागृति फैलाने का कार्य भी किया।

पंडी राम मंडावी की उपलब्धि छत्तीसगढ़ के लिए क्यों खास है?

छत्तीसगढ़ एक जनजातीय बहुल राज्य है और पंडी राम मंडावी जैसे लोग इस बात का प्रतीक हैं कि समाज में बदलाव शिक्षा, चेतना और संस्कृति से लाया जा सकता है। मंडावी जैसे समाजसेवियों को राष्ट्रीय मंच पर सम्मान मिलना अन्य लोगों को भी प्रेरित करता है।

राष्ट्रपति से मिला सम्मान, गांव में खुशी की लहर

नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पंडी राम मंडावी को पद्मश्री से सम्मानित किया, तो यह पल पूरे गढ़बेंगाल गांव के लिए गौरव का विषय बन गया। गांववालों ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनकी उपलब्धि का जश्न मनाया।

युवाओं के लिए आदर्श हैं मंडावी

पंडी राम मंडावी की उपलब्धि आज के युवाओं के लिए एक मिसाल है। उन्होंने यह दिखा दिया कि साधन सीमित हों या संसाधनों की कमी हो, अगर लक्ष्य स्पष्ट हो तो कोई भी असंभव नहीं।

आदिवासी संस्कृति को पहचान दिलाने का प्रयास

वर्तमान में जब भारतीय संस्कृति और परंपराएं तेजी से बदल रही हैं, पंडी राम मंडावी जैसे लोग यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे मूल और जड़ें सुरक्षित रहें। उन्होंने आदिवासी संस्कृति और पहचान को देशभर में फैलाने में विशेष योगदान दिया है।

पद्म पुरस्कारों में छत्तीसगढ़ की उपस्थिति

हर साल पद्म पुरस्कारों में देश की विविधता को दर्शाने वाले लोगों को सम्मानित किया जाता है। इस बार छत्तीसगढ़ से पंडी राम मंडावी जैसे व्यक्ति का नाम शामिल होना राज्य की सकारात्मक पहचान को और मजबूत करता है।

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