पहलगाम आतंकी हमले के बाद रक्षा मंत्री और सीडीएस ने सैन्य तैयारियों की समीक्षा की
"पहलगाम आतंकी हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सुरक्षा व्यवस्था को हर स्तर पर मजबूत करना बेहद जरूरी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीडीएस जनरल अनिल चौहान की बैठक से यह साफ है कि सरकार आतंकी चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह गंभीर है। सैन्य तैयारियों को तेज करना और आधुनिक तकनीक से लैस करना आज समय की मांग है।"
पहलगाम आतंकी हमले के बाद सैन्य तैयारियों पर उच्च स्तरीय बैठक
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद देश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंताएं उठी हैं। इसी क्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को दिल्ली स्थित अपने आवास पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान के साथ बैठक की। बैठक का मुख्य उद्देश्य आतंकी हमले के जवाब में सैन्य तैयारियों का गहन मूल्यांकन करना था।
बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई?
करीब 40 मिनट तक चली इस बैठक में दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद उत्पन्न हालातों पर विस्तार से चर्चा की।
सैन्य बलों की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताओं का मूल्यांकन किया गया।संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा घेराबंदी मजबूत करने के निर्देश दिए गए।आतंकवादी गतिविधियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए इंटेलिजेंस नेटवर्क को और मजबूत करने पर बल दिया गया।
बीएसएफ अधिकारियों की उपस्थिति
बैठक में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने भी गृह मंत्रालय का दौरा किया और हालात पर रिपोर्ट सौंपी। बीएसएफ को सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी बढ़ाने और आतंकी गतिविधियों पर निगरानी रखने के निर्देश मिले हैं।
भारतीय नौसेना की तैयारियां भी दिखी मजबूत
इसी बीच, भारतीय नौसेना ने समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को लेकर अपनी तत्परता भी प्रदर्शित की। नौसेना ने रविवार को एक सफल एंटी-शिप मिसाइल अभ्यास किया। यह अभ्यास भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से किया गया, जिसमें लंबी दूरी तक सटीक निशाना साधने की क्षमता का प्रदर्शन किया गया।
नौसेना के एंटी-शिप मिसाइल अभ्यास की प्रमुख बातें:
युद्धपोतों से कई एंटी-शिप मिसाइलों का सफल परीक्षण किया गया।नौसेना ने कहा कि वे देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए किसी भी समय, कहीं भी तैयार हैं।इस ड्रिल ने प्लेटफॉर्म, सिस्टम और कर्मियों की युद्ध के लिए तत्परता को साबित किया।
आगे की रणनीतियाँ
रक्षा मंत्रालय ने पहलगाम आतंकी हमले जैसे कृत्यों से निपटने के लिए एक बहुस्तरीय रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत:
आतंकी गतिविधियों की समय रहते पहचान के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा।स्थानीय पुलिस और सशस्त्र बलों के बीच समन्वय को और प्रभावी बनाया जाएगा।संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी।
