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एस जयशंकर का बयान – पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों को जल्द मिलेगी सजा

“भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात के बाद एक स्पष्ट और कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों को हर हाल में न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।”

पहलगाम आतंकी हमला: घटना की पृष्ठभूमि

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले में निर्दोष नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी। घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर फैल गई थी। सरकार ने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए थे और जांच एजेंसियों को सक्रिय किया गया था।

एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री की बातचीत

यह बयान ऐसे समय पर आया जब एस जयशंकर अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर थे। वाशिंगटन डीसी में हुई बैठक में दोनों देशों के बीच आतंकवाद, रक्षा सहयोग, साइबर सुरक्षा, वैश्विक रणनीति जैसे अहम विषयों पर चर्चा हुई।

बैठक के बाद एस जयशंकर ने कहा,
“भारत की नीति स्पष्ट है। आतंकवाद को हम बर्दाश्त नहीं करते और जो भी इसमें शामिल है, उसे सजा दिलाना हमारा कर्तव्य है। पहलगाम हमले के गुनहगारों को न्याय दिलाकर ही दम लेंगे।”

भारत का आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख

भारत ने पहले भी आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी कड़ी नीति जाहिर की है। पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों के खिलाफ भी यही सख्त रुख अपनाया गया है। भारत की एजेंसियां लगातार उनकी तलाश और कार्रवाई में जुटी हुई हैं।

गुनहगारों की तलाश और जांच की दिशा

घटना के तुरंत बाद एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने जांच शुरू की। अभी तक की जानकारी के अनुसार कुछ संदिग्धों की पहचान कर ली गई है। उनके संपर्क पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से होने के संकेत भी मिले हैं। भारत इस विषय को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उठाएगा ताकि दोषियों को वैश्विक दबाव में लाया जा सके।

अमेरिका का समर्थन और सहयोग

एस जयशंकर ने बैठक में यह भी बताया कि अमेरिका ने आतंकवाद के विरुद्ध भारत के रुख का समर्थन किया है। अमेरिका ने स्पष्ट किया कि वह भारत के साथ खड़ा है और आतंकवाद से निपटने के लिए सभी तरह की जानकारी और तकनीकी सहयोग देने को तैयार है।

आतंकवाद से निपटने में अंतरराष्ट्रीय एकता की आवश्यकता

एस जयशंकर ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करे। उन्होंने यह भी दोहराया कि जो देश आतंकियों को पनाह देते हैं, उन्हें भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

पहलगाम हमले के बाद देशभर में जनभावना

हमले के बाद देशभर में पीड़ितों के लिए संवेदना और आतंक के खिलाफ गुस्सा देखा गया।

  • कई राज्यों में शांति मार्च और विरोध प्रदर्शन हुए।
  • सोशल मीडिया पर नागरिकों ने सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की।
  • कई सामाजिक संगठनों ने पीड़ित परिवारों के लिए सहायता अभियान चलाए।

भारत की नीति: आतंक को खत्म करने की ठोस रणनीति

भारत ने आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए कई स्तरों पर रणनीति तैयार की है:

  1. सीमा पार से आतंकवाद पर निगरानी बढ़ाना
  2. आंतरिक सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करना
  3. डिजिटल निगरानी तंत्र को मजबूत बनाना
  4. अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सूचना साझाकरण बढ़ाना

एस जयशंकर का रुख और नेतृत्व

एस जयशंकर के बयान भारत की नई विदेश नीति की झलक देते हैं, जो सिर्फ कूटनीति नहीं, बल्कि सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। उनके नेतृत्व में भारत अब सीधे और प्रभावी ढंग से अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करता है।

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