पहलगाम आतंकी हमला: एस. जयशंकर की लावरोव से कड़ी कार्रवाई की मांग, भारत ने उठाए सख्त कदम
“भारत सरकार ने इस आतंकी हमले को हल्के में नहीं लिया है। आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति स्पष्ट और सशक्त है। कूटनीतिक, सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाए गए कदम बताते हैं कि अब भारत आतंकवाद को किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगा।”
पहलगाम आतंकी हमला: भारत-रूस की बातचीत और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ बड़ा आतंकी हमला
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में स्थित बैसरन घाटी में एक भयानक आतंकी हमला हुआ। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए और कई अन्य घायल हुए। यह घटना 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकवादी हमला माना जा रहा है।
हमले की जिम्मेदारी और भ्रम की स्थिति
इस हमले की जिम्मेदारी पहले पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली। लेकिन कुछ ही समय बाद उन्होंने इससे इनकार कर दिया। इससे यह स्पष्ट होता है कि हमले की योजना गहरी साजिश के तहत रची गई थी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भ्रम पैदा करने की कोशिश की गई।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की रूस से बातचीत
हमले के बाद भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से फोन पर चर्चा की। बातचीत का मुख्य विषय पहलगाम आतंकी हमला था। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि दोषियों, उनके मददगारों और योजना बनाने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
इसके साथ ही दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और आगामी बैठकों की तैयारी पर भी चर्चा की।
भारत सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया
हमले के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाया और पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए। इनमें शामिल हैं:
अटारी बॉर्डर का चेक पोस्ट बंद किया गया।पाकिस्तानियों को दी जाने वाली सार्क वीजा छूट योजना को स्थगित किया गया।पाकिस्तान के नागरिकों को 40 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया।भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों में स्टाफ की संख्या में कटौती की गई।पाकिस्तान के सभी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए।पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) की उड़ानों के लिए भारत का हवाई क्षेत्र बंद किया गया।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और व्यापारिक रिश्तों पर असर
भारत की सख्त प्रतिक्रिया के जवाब में पाकिस्तान ने भी भारत के साथ अपने सभी व्यापारिक संबंध समाप्त कर दिए। इसमें उन देशों के साथ व्यापार भी शामिल है जो पाकिस्तान के रास्ते भारत से जुड़े हुए थे। इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारतीय विमानों को अपने हवाई क्षेत्र से गुजरने से रोक दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा बैठक
29 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई। इस बैठक में उन्होंने सेना को पूरी स्वतंत्रता दी कि वे इस हमले का जवाब कब और कैसे देना है, इसका फैसला स्वयं करें। इससे यह स्पष्ट हो गया कि भारत अब ऐसे हमलों के खिलाफ रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति अपना रहा है।
भारत-रूस संबंधों में निरंतर मजबूती
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और रूस के बीच कूटनीतिक संवाद ने दोनों देशों के घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत किया है। रूस ने भी आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में समर्थन जताया है। यह बातचीत दोनों देशों के भरोसे और आपसी समझ को दर्शाती है।
पहलगाम आतंकी हमले का अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
यह हमला न सिर्फ भारत के लिए एक आंतरिक सुरक्षा चुनौती था, बल्कि इसने वैश्विक मंच पर भी आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को मजबूती देने की आवश्यकता को उजागर किया। भारत की कड़ी कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर लिया गया रुख आतंक के खिलाफ सख्त नीति का संकेत देता है।
