पहलगाम में आतंक का कहर: निर्दोषों पर वार और भारत की निर्णायक कार्रवाई
"जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया गया, जिसमें कई लोगों की जान गई और कई घायल हुए। यह हमला न केवल मानवता के खिलाफ है, बल्कि भारत की एकता और अखंडता पर भी सीधा प्रहार है।"
आतंकियों का कायराना हमला
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। हमलावर सेना जैसी वर्दी में थे और उनके पास उन्नत हथियार, जैसे M4 कार्बाइन और AK-47 राइफलें थीं । उन्होंने पहले पर्यटकों की पहचान पूछी और फिर उन्हें गोली मार दी। इस हमले में 27 लोग मारे गए, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे ।
सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया
हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई। बैठक में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए कई अहम फैसले लिए गए। भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को रोक दिया है । इसके अलावा, पाकिस्तान के राजदूत को तलब किया गया और पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया ।
कश्मीर की जनता का विरोध
पहलगाम हमले के बाद कश्मीर से लेकर जम्मू तक विरोध प्रदर्शन हुए। पहलगाम में लगभग 800 लोगों ने पूर्ण बंद रखा और हत्याओं की निंदा करते हुए सड़कों पर उतर आए। लोगों ने तख्तियां लेकर कहा, "चुप रहना पाप है" ।
पर्यटन पर असर
जम्मू-कश्मीर का पर्यटन उद्योग इस हमले से प्रभावित हुआ है। पर्यटकों ने अपनी बुकिंग्स रद्द करनी शुरू कर दी हैं और होटलों को खाली किया जा रहा है। श्रीनगर से हवाई किराया बढ़ गया है, जिससे DGCA को हस्तक्षेप करना पड़ा । सरकार ने पर्यटन सेवा प्रदाताओं से कहा है कि वे कैंसिलेशन चार्ज न वसूलें।
"पहलगाम में हुआ आतंकी हमला एक कायराना कृत्य है, जिसका उद्देश्य भारत की एकता और अखंडता को चोट पहुंचाना है। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति और कश्मीर की जनता की एकजुटता से यह स्पष्ट है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हों और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करें।"
