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शिमला के पीरन पंचायत में महिलाओं का अवैध शराब कारोबार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

“शिमला जिले के मशोबरा ब्लॉक की अंतिम छोर की पंचायत पीरन के वार्ड धाली बागड़ा की महिलाओं ने अवैध शराब के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पीरन पंचायत में अवैध शराब कारोबार के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, महिला मंडल और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने संगठित होकर अपनी आवाज बुलंद की है। महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए सरकार से इस गंभीर समस्या पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की।”

पीरन पंचायत में अवैध शराब: महिलाओं ने क्यों उठाई आवाज

पीरन पंचायत में अवैध शराब कारोबार पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ रहा था। इसके कारण क्षेत्र के युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ गया है। महिलाओं का कहना है कि नशे की गिरफ्त में फंसकर युवा अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, शराब के कारण घरेलू हिंसा और सामाजिक समस्याएं भी बढ़ रही हैं।

महिला मंडल और स्वयं सहायता समूहों का एकजुट प्रदर्शन

पीरन पंचायत में अवैध शराब के खिलाफ महिला मंडल धाली बागड़ा और विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने मिलकर प्रदर्शन किया। इस आंदोलन का नेतृत्व कांता देवी, सुनिता राणा, पूनम ठाकुर, प्रिया देवी, अनु, आशा, शीतला, सुनीता, गीता, सरजू देवी, संतोष और प्रेमलता जैसी सक्रिय महिलाओं ने किया। महिलाओं ने एकजुट होकर पंचायत में अवैध शराब के ठेकों को बंद करने की जोरदार मांग रखी।

पीरन पंचायत में अवैध शराब: महिलाओं की चिंताएं

महिलाओं ने कहा कि अवैध शराब के कारण न केवल परिवारों का माहौल खराब हो रहा है, बल्कि महिलाओं को भी असुरक्षित महसूस होने लगा है। सांयकाल के बाद सड़क पर अकेले निकलना अब खतरे से खाली नहीं रह गया है। महिलाओं का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

पंचायत प्रधान का समर्थन

पीरन पंचायत की प्रधान किरण शर्मा ने भी इस आंदोलन का समर्थन करते हुए महिलाओं को आश्वासन दिया कि इस गंभीर मुद्दे को पुलिस के उच्चाधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि कई बार जुन्गा पुलिस चौकी में इस संबंध में शिकायत की गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। प्रधान ने महिलाओं को भरोसा दिलाया कि वे इस समस्या के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेंगी।

पीरन पंचायत में अवैध शराब: पुलिस की भूमिका पर सवाल

महिलाओं और पंचायत प्रधान ने पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए हैं कि लगातार शिकायतों के बावजूद अवैध शराब के कारोबार पर रोक नहीं लगाई गई। इस कारण लोगों में पुलिस के प्रति आक्रोश भी देखने को मिल रहा है। महिलाओं ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

समाज में जागरूकता की आवश्यकता

पीरन पंचायत में अवैध शराब के खिलाफ यह आंदोलन केवल एक पंचायत तक सीमित नहीं रहना चाहिए। समाज में नशे के खिलाफ व्यापक जागरूकता की आवश्यकता है। महिलाओं ने उदाहरण प्रस्तुत किया है कि यदि समाज की आधी आबादी संगठित होकर आगे आए तो किसी भी सामाजिक बुराई को समाप्त किया जा सकता है।

सरकार से अपेक्षाएं

महिलाओं ने सरकार से मांग की है कि:

  • अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
  • नशा मुक्ति अभियानों को पंचायत स्तर तक चलाया जाए।
  • महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
  • युवाओं के लिए खेलकूद और रोजगार के अधिक अवसर पैदा किए जाएं ताकि वे नशे से दूर रहें।

निष्कर्ष

पीरन पंचायत में अवैध शराब के खिलाफ महिलाओं का यह आंदोलन एक सकारात्मक पहल है। इससे न केवल अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी, बल्कि समाज में महिलाओं की भूमिका और जागरूकता का भी संदेश जाएगा। आवश्यकता है कि सरकार और पुलिस प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए ठोस कदम उठाएं, ताकि पंचायत और आस-पास के क्षेत्र में शांति और सुरक्षा कायम रह सके।

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