पूर्वोत्तर भारत को विकास की सौगात
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अरुणाचल और त्रिपुरा दौरे पर रहेंगे। इन दौरान उन्होंने 5,100 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री पहले अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर जाएंगे और फिर त्रिपुरा के उदयपुर स्थित माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर परिसर पहुंचेंगे। अरुणाचल प्रदेश की आधारशिला पीआईबी के रिलीज़ के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ईटानगर में 3,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के दो महत्वपूर्ण जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। उनमें हीओ जलविद्युत परियोजना (240 मेगावाट) और तातो-I जलविद्युत परियोजना (186 मेगावाट) शामिल हैं। ये दोनों परियोजनाएं अरुणाचल प्रदेश के सियोम उप-बेसिन में तैयार की जाएंगी।”
तवांग में आधुनिक कन्वेंशन सेंटर प्रधानमंत्री मोदी तवांग में एक आधुनिक कन्वेंशन सेंटर की भी आधारशिला रखेंगे। समुद्र तल से 9,820 फीट ऊंची समुद्र तल की ऊंचाई पर स्थित यह भवन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों, सांस्कृतिक त्योहारों और प्रदर्शनियों की मेजबानी करेगा। इसकी क्षमता 1,500 से ज्यादा प्रतिनिधियों की होगी। यह केंद्र पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ क्षेत्र को विश्व मानचित्र पर स्थापित करेगा। बुनियादी ढांचा और सामाजिक योजनाएं प्रधानमंत्री 1,290 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी शुभारंभ करेंगे। इनमें सड़क कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य सेवाएं, अग्नि सुरक्षा, कार्यरत महिलाओं के लिए छात्रावास और अन्य सामाजिक योजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं से जीवन स्तर में सुधार, आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि और कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
व्यापारियों और उद्योग प्रतिनिधियों से संवाद पीएम मोदी स्थानीय करदाताओं, व्यापारियों और उद्योग जगत के साथ भी मुलाकात करेंगे। इसमें वे हाल ही में किए गए जीएसटी दर सुधारों के प्रभाव पर भी चर्चा करेंगे। अपना लक्ष्य व्यापार में सुगमता और उद्यमशीलता इकोसिस्टम को सशक्त बनाना है। त्रिपुरा में धार्मिक विकास अर्थात् सांस्कृतिक विकास अरुणाचल का कार्यक्रम पूरा करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी त्रिपुरा के गोमती जिले के उदयपुर शहर को अंतिम समय पर पहुंचेंगे। यहां वे प्रसाद (PRASAD) योजना के तहत विकसित माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर परिसर का उद्घाटन करेंगे। यह मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है और त्रिपुरा का प्रमुख धार्मिक स्थल माना जाता है।
मंदिर परिसर का नया आकार मंदिर परिसर को आधुनिक आकार दिया गया है। इसका डिज़ाइन ऊपर देखने पर कछुए की आकृति वाला होगा। परियोजना में मंदिर प्रांगण का आधुनिकीकरण, नए मार्ग, नवीनीकृत प्रवेश द्वार, सुरक्षा घेराबंदी और जल निकासी व्यवस्था समेत शामिल है। इसके अतिरिक्त तीन मंजिला नया कॉम्प्लेक्स बनाया गया है, जिसमें दुकानों के लिए स्थल, ध्यान कक्ष, अतिथि आवास और कार्यालय कक्ष विद्यमान हैं। टूरिज़्म और लोकल इकोनॉमी को बढ़ावा माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर परिसर के विकास से धार्मिक टूरिज़्म को बढ़ावा मिलेगा। इससे श्रद्धालुओं को अच्छी सुविधाएं मिलेंगी और स्थानीय व्यापार व रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यह परियोजना क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
पूर्वोत्तर भारत के लिए रणनीतिक पहल प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा पूर्वोत्तर भारत के विकास के लिए एक बड़ी पहल है और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में। जहां अरुणाचल में जलविद्युत और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं ने ऊर्जा और कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई देगा, वहीं त्रिपुरा में मंदिर विकास परियोजना आस्था और पर्यटन को सशक्त बनाएगी।
