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G7 समिट के लिए कनाडा पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी

"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय तीन देशों की विदेश यात्रा पर हैं। इस कड़ी में वह मंगलवार को कनाडा के कनानास्किस पहुंचे। उनकी यह यात्रा खास है क्योंकि एक दशक बाद यह उनकी पहली कनाडा यात्रा है। उन्हें G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए औपचारिक रूप से कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने स्वागत किया। यह G7 सम्मेलन दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोकतंत्रों के नेताओं को एक साथ लाता है। भारत इस बार विशेष आमंत्रित देश के रूप में भाग ले रहा है।"


प्रधानमंत्री मोदी की कनाडा यात्रा क्यों है अहम?

भारत-कनाडा संबंधों में नई शुरुआत की उम्मीद

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों के दृष्टिकोण से बेहद अहम मानी जा रही है। बीते वर्षों में भारत और कनाडा के रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं, विशेषकर पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में। लेकिन अब नए नेतृत्व में दोनों देशों के बीच संवाद दोबारा शुरू हुआ है और उच्चायुक्तों की नियुक्ति जैसे कदमों पर विचार हो रहा है।


G7 सम्मेलन में किन नेताओं से हुई मोदी की मुलाकात?

प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन के दौरान कई वैश्विक नेताओं से द्विपक्षीय बैठकें कीं। इन नेताओं में शामिल हैं:

  • मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम
  • दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे मयोंग
  • ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज
  • दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा

आने वाले समय में वह अन्य प्रमुख नेताओं जैसे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से भी मिलेंगे।


G7 समिट में भारत की भूमिका और प्राथमिकताएं

प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन में वैश्विक प्रगति और सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने तकनीक, ऊर्जा सुरक्षा, नवाचार और खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा क्वांटम टेक्नोलॉजी पर अपने विचार साझा किए।

ग्लोबल साउथ की आवाज बने पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि वह G7 मंच का उपयोग ग्लोबल साउथ, यानी विकासशील देशों की प्राथमिकताओं को सामने रखने के लिए कर रहे हैं। भारत की ओर से यह एक कूटनीतिक प्रयास है जिससे वह विकासशील देशों की आवाज को वैश्विक मंचों पर मजबूत कर सके।


भारत की हालिया आतंकवाद विरोधी कार्रवाई की वैश्विक गूंज

G7 सम्मेलन ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए हैं। यह कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में थी। प्रधानमंत्री मोदी की इन बैठकों में इस सुरक्षा मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है।


प्रधानमंत्री मोदी का शेड्यूल और आगे की यात्रा

प्रधानमंत्री मोदी कनाडा में लगभग 24 घंटे रुकेंगे। इस दौरान वह सम्मेलन की प्रमुख बैठकों में भाग लेंगे और कई द्विपक्षीय संवाद करेंगे। इसके बाद वह बुधवार सुबह क्रोएशिया के लिए रवाना होंगे।


भारत के लिए G7 क्यों है अहम मंच?

G7 समूह में शामिल देशों में फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा हैं, और यूरोपीय संघ भी इसका हिस्सा है। ये देश वैश्विक नीति निर्धारण में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। भारत की G7 में भागीदारी यह दिखाती है कि उसे अब एक वैश्विक शक्ति के रूप में गंभीरता से लिया जा रहा है।

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