प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वृक्ष माता’ तुलसी गौड़ा के निधन पर शोक व्यक्त किया
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रख्यात पर्यावरणविद् और ‘वृक्ष माता’ के नाम से जानी जाने वाली तुलसी गौड़ा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि तुलसी गौड़ा का जीवन पर्यावरण के प्रति समर्पण और सादगी का प्रतीक था।”
PIB द्वारा साझा किया
प्रधानमंत्री का शोक संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा, “तुलसी गौड़ा जी का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह पीढ़ियों तक प्रेरणा देता रहेगा। उनका जीवन हमें सिखाता है कि कैसे प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर जिया जा सकता है।”
कौन थीं तुलसी गौड़ा?
तुलसी गौड़ा, जिन्हें ‘वृक्ष माता’ कहा जाता था, कर्नाटक की रहने वाली थीं और उन्हें जंगलों और पौधों के संरक्षण में अद्वितीय योगदान के लिए जाना जाता था। उन्होंने हजारों पेड़ लगाए और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पर्यावरण संरक्षण की मिसाल
तुलसी गौड़ा ने बिना औपचारिक शिक्षा के भी वनस्पति विज्ञान की गहरी समझ हासिल की थी। उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी सादगी और पेड़-पौधों के प्रति प्रेम ने उन्हें समाज के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बना दिया।
देशभर में शोक की लहर
तुलसी गौड़ा के निधन की खबर से पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और देश के नागरिकों में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनके योगदान को याद कर रहे हैं।
निष्कर्ष
तुलसी गौड़ा का जीवन संदेश देता है कि प्रकृति की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। उनके योगदान को देश कभी नहीं भुला पाएगा।