पीएम मोदी ने किया ‘कर्तव्य भवन’ का उद्घाटन, बताया जनसेवा और विकास का प्रतीक
कर्तव्य पथ पर ‘कर्तव्य भवन’ का उद्घाटन: पीएम मोदी ने साझा की तस्वीरें और विचार
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर बने अत्याधुनिक ‘कर्तव्य भवन’ का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने भवन से जुड़ी तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा कीं और इसे जनसेवा और भारत के विकास के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भवन नीतियों और योजनाओं को जनता तक तेजी से पहुंचाने में मदद करेगा और देश के विकास को नई दिशा देगा।”
पीएम मोदी ने कहा: कर्तव्य भवन हमारे संकल्प और प्रयासों का प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा:
“कर्तव्य पथ पर ‘कर्तव्य भवन’ जन-जन की सेवा के प्रति हमारे अटूट संकल्प और निरंतर प्रयासों का प्रतीक है। यह भवन हमारी नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने में मददगार सिद्ध होगा और राष्ट्र को नई गति देगा।”
उन्होंने इसे राष्ट्र को समर्पित करना एक गौरव का क्षण बताया और इसे अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की मिसाल कहा।
श्रमयोगियों को दिया श्रेय
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘कर्तव्य भवन’ के निर्माण में लगे श्रमिकों की मेहनत की भी सराहना की। उन्होंने लिखा:
“कर्तव्य भवन विकसित और आत्मनिर्भर भारत की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसे गढ़ने वाले श्रमयोगियों की अथक मेहनत और संकल्प को देखकर अत्यंत प्रसन्नता हुई।”
उन्होंने निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों से संवाद भी किया, जिससे उनकी मानव-केंद्रित सोच और टीम भावना उजागर होती है।
पर्यावरण के प्रति सरकार की जागरूकता
कर्तव्य भवन के निर्माण में पर्यावरण संरक्षण को विशेष प्राथमिकता दी गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भवन परिसर में एक पौधा भी लगाया
उन्होंने कहा,
“कर्तव्य भवन में पर्यावरण संरक्षण का पूरा ध्यान रखा गया है। हमारा देश इस दिशा में भी पूरी तरह से संकल्पबद्ध है।”
यह दर्शाता है कि सरकार आधुनिक विकास और प्राकृतिक संतुलन के बीच समरसता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
क्या है कर्तव्य भवन?
‘कर्तव्य भवन–
3’, सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इस परियोजना का उद्देश्य है:
- विभिन्न मंत्रालयों को एक ही छत के नीचे लाना
- पुराने और महंगे भवनों की जगह आधुनिक सुविधायुक्त भवन प्रदान करना
वर्तमान परिप्रेक्ष्य:
- अभी तक कई मंत्रालय शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी पुरानी इमारतों में कार्य कर रहे हैं
- ये इमारतें 1950-70 के दशक में बनीं, और अब प्रशासनिक आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं हैं
- इनका रखरखाव महंगा और तकनीकी दृष्टि से अप्रचलित है
कर्तव्य भवन का निर्माण इस समस्या का स्थायी समाधान प्रदान करता है।
सेंट्रल विस्टा परियोजना में एक और महत्वपूर्ण कदम
कर्तव्य भवन के उद्घाटन के साथ, भारत सरकार की सेंट्रल विस्टा परियोजना ने एक और प्रमुख पड़ाव पार कर लिया है।
यह परियोजना केंद्र सरकार के कार्यालयों को:
- केंद्रीकृत करना
- बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाना
- और नवाचार व कार्यकुशलता को बढ़ाना, जैसे लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ रही है
“कर्तव्य भवन भारत सरकार के उस दृढ़ निश्चय का प्रतीक है जो देश की जनसेवा, आत्मनिर्भरता और सतत विकास की राह पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री मोदी का यह उद्घाटन केवल एक इमारत का उद्घाटन नहीं, बल्कि एक नई प्रशासनिक संस्कृति की शुरुआत है — जहां नीति, कार्य और जनता के बीच की दूरी और भी कम होगी।”