भारत बना तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बन चुका है। यह भारत की प्रगति और मजबूत आर्थिक बुनियाद का प्रमाण है। उनके अनुसार, यह समय भारत में विमानन क्षेत्र में निवेश करने का सर्वोत्तम अवसर है। भारत न केवल तेजी से बढ़ता हवाई यात्रा बाजार है, बल्कि विश्व स्तरीय हवाई अड्डे और बुनियादी ढांचे भी तेजी से विकसित कर रहा है।"
2014 से अब तक हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी से अधिक
पीएम मोदी ने बताया कि 2014 में भारत में सिर्फ 74 परिचालन हवाई अड्डे थे। आज यह संख्या 162 हो चुकी है। यह विमानन अवसंरचना में भारत सरकार के सतत निवेश को दर्शाता है। यह वृद्धि केवल संख्या की बात नहीं है, बल्कि यह संकेत है कि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों को भी अब हवाई संपर्क मिल रहा है, जिससे समावेशी विकास को बढ़ावा मिल रहा है।
भारतीय वाहकों ने दिए 2000 से अधिक नए विमान के ऑर्डर
प्रधानमंत्री ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि भारतीय विमानन कंपनियों ने 2000 से अधिक नए विमानों के ऑर्डर दिए हैं। यह आने वाले वर्षों में हवाई सेवाओं के और विस्तार की पुष्टि करता है। यह न केवल यात्रियों को अधिक विकल्प देगा, बल्कि उद्योग में प्रतिस्पर्धा बढ़ाकर बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करेगा।
उड़ान योजना: आम नागरिक की हवाई यात्रा को मिली नई ऊंचाई
पीएम मोदी ने उड़ान योजना (UDAN Scheme) को भारत के नागरिक विमानन इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना से अब तक 1.5 करोड़ से अधिक यात्री किफायती हवाई यात्रा का लाभ उठा चुके हैं। उड़ान योजना का मुख्य उद्देश्य हवाई यात्रा को 'आम आदमी' के लिए सुलभ बनाना है। इससे न केवल यात्रा का समय घटा है, बल्कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को भी मजबूती मिली है।
विमानन क्षेत्र में वृद्धि से बनेगा रोज़गार और नए अवसर
हवाई सेवाओं का विस्तार = रोजगार की वृद्धि
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि जैसे-जैसे हवाई यात्रा का विस्तार होगा, वैसे-वैसे नई उड़ानें, रोजगार के अवसर और आर्थिक संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
हवाई अड्डों पर ग्राउंड स्टाफ, सुरक्षा, लॉजिस्टिक्स, रिटेल और खानपान से लेकर पायलट और केबिन क्रू तक, हर स्तर पर नौकरियां बढ़ रही हैं।
एमआरओ सेक्टर में भारत की बड़ी छलांग
भारत बना वैश्विक एमआरओ हब बनने की दिशा में अग्रसर
पीएम मोदी ने एमआरओ (Maintenance, Repair and Overhaul) को उभरते हुए क्षेत्र के रूप में वर्णित किया। 2014 में जहां सिर्फ 96 एमआरओ सुविधाएं थीं, आज उनकी संख्या 154 हो चुकी है।
सरकार का लक्ष्य है कि भारत न केवल घरेलू विमानों की मरम्मत का केंद्र बने, बल्कि अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों के लिए भी ग्लोबल एमआरओ हब के रूप में उभरे।
भारत में विमानन क्षेत्र में निवेश क्यों करें?
1. तेजी से बढ़ता हवाई यात्री आधार
भारत की जनसंख्या और बढ़ती मध्यम वर्ग आय, हवाई यात्रा की मांग को लगातार बढ़ा रही है।
2. मजबूत सरकारी समर्थन
सरकार की योजनाएं जैसे UDAN, नीति आयोग की पहलें और कर राहतें निवेश को आकर्षक बनाती हैं।
3. विस्तारित अवसंरचना
नई टर्मिनल, रनवे और स्मार्ट एयरपोर्ट टेक्नोलॉजी ने भारत को अंतरराष्ट्रीय मानकों के करीब पहुंचा दिया है।
विमानन में उड़ान भरता भारत
प्रधानमंत्री मोदी का भाषण न केवल भारत की विमानन सफलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि भारत वैश्विक विमानन निवेश के लिए एक आदर्श गंतव्य बन चुका है। देश की तेजी से बढ़ती हवाई कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे का विकास और सरकार की सकारात्मक नीतियां इसे एक मजबूत निवेश बाजार बनाती हैं।
