नागपुर में पीएम मोदी: डॉ. हेडगेवार और बाबासाहेब को दी श्रद्धांजलि, संघ कार्यालय और दीक्षाभूमि पहुंचे
“भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक महत्वपूर्ण दौरे पर महाराष्ट्र के नागपुर शहर पहुंचे। यह दौरा न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम रहा, बल्कि भारतीय विचारधारा, इतिहास और सामाजिक समरसता की गहराई को भी छूने वाला रहा।”
🔶 पीएम मोदी का नागपुर आगमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह विशेष विमान से नागपुर पहुंचे। हवाई अड्डे पर राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित कई प्रमुख नेताओं ने उनका स्वागत किया। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई थी और पूरे शहर में सुरक्षा बल तैनात किए गए थे।
🕉️ संघ संस्थापक को श्रद्धांजलि
सबसे पहले पीएम मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के स्मृति मंदिर पहुंचे। यहाँ उन्होंने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और कुछ समय मौन साधना में बिताया।
हेडगेवार स्मृति मंदिर नागपुर में संघ की विचारधारा और परंपराओं का केंद्र है, जहाँ स्वयंसेवकों की प्रेरणा बनी रहती है।
🕊️ दीक्षाभूमि में बाबासाहेब को नमन
इसके बाद पीएम मोदी दीक्षाभूमि पहुंचे — वह स्थान जहाँ डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी। यह भारत के सामाजिक सुधार आंदोलन का प्रमुख स्थल माना जाता है।
प्रधानमंत्री ने बाबासाहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें “समता, न्याय और शिक्षा के प्रतीक” के रूप में याद किया।
पीएम मोदी ने कहा:
“दीक्षाभूमि आकर एक गहरी ऊर्जा मिलती है। यह स्थान सामाजिक समानता, न्याय और ज्ञान का प्रतीक है। बाबासाहेब ने जो सपना देखा, उसे साकार करने के लिए हम सतत प्रयासरत हैं।”
🏛️ दौरे का सामाजिक और राजनीतिक संदेश
पीएम मोदी के इस दौरे को राजनीतिक और वैचारिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। डॉ. हेडगेवार और डॉ. अंबेडकर — दोनों ही भारत के दो अलग-अलग विचारधाराओं के महानायक थे, और मोदी ने एक ही दिन इन दोनों को श्रद्धांजलि देकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया।
यह दौरा आगामी लोकसभा चुनाव 2026 की पृष्ठभूमि में भाजपा के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। महाराष्ट्र में दलित वोट बैंक और संघ का गढ़ – दोनों को साधने की रणनीति इसके पीछे देखी जा रही है।
🧘♂️ समाज के लिए प्रेरणा
डॉ. हेडगेवार जहाँ एक सशक्त राष्ट्र निर्माण के पक्षधर थे, वहीं डॉ. अंबेडकर ने सामाजिक समानता और संविधान निर्माण की दिशा में भारत को दिशा दी। पीएम मोदी का यह दौरा दोनों विचारधाराओं को जोड़ने वाला प्रतीक बनकर उभरा है।
📷 दौरे के प्रमुख दृश्य:
- मोदी का हेडगेवार स्मृति स्थल पर मौन ध्यान।
- दीक्षाभूमि में बौद्ध भिक्षुओं से संवाद।
- नागपुर रेलवे स्टेशन पर सफाई अभियान को संबोधन।
- स्थानीय लोगों के साथ अचानक मुलाकात।
🌐 मीडिया और जनसंचार
पीएम मोदी का दौरा देशभर के मीडिया में छाया रहा। सोशल मीडिया पर #ModiInNagpur ट्रेंड करने लगा। लाखों लोगों ने उनके दौरे के वीडियो और फोटोज को साझा किया।
🗣️ विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने पीएम मोदी के दौरे को “चुनावी स्टंट” बताया, लेकिन भाजपा नेताओं ने इसे “राष्ट्र निर्माण और समरसता का अभियान” करार दिया।
🧾 निष्कर्ष:
पीएम नरेंद्र मोदी का नागपुर दौरा 2025 न केवल एक राजनीतिक यात्रा थी, बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक और वैचारिक धरोहर को सम्मान देने का प्रयास भी था।
उन्होंने डॉ. हेडगेवार और डॉ. अंबेडकर दोनों को नमन कर यह संदेश दिया कि भारत केवल विचारों में नहीं, कार्यों में भी एकता की मिसाल है।
