लाल किले से पीएम मोदी ने की RSS की सराहना, बताया दुनिया का सबसे बड़ा NGO
लाल किले से RSS को मिली ऐतिहासिक सराहना
“79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को दुनिया का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन (NGO) करार दिया। उन्होंने कहा कि संघ ने पिछले 100 वर्षों से राष्ट्र सेवा को गौरवपूर्ण तरीके से निभाया है।”
सेवाभाव का लंबा इतिहास
पीएम मोदी ने संघ की आपदा प्रबंधन, शिक्षा, आदिवासी कल्याण और सामाजिक सुधार में भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि संघ से जुड़े सेवा भारती संगठन देशभर में 1,25,000 सेवा प्रकल्प चला रहे हैं, जो बच्चों की शिक्षा से लेकर गरीबों की मदद तक काम करते हैं।
स्थापना और उद्देश्य
आरएसएस की स्थापना 27 सितंबर 1925 को डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी। इसका उद्देश्य था राष्ट्र निर्माण और हिंदू समाज का संगठन। स्वामी विवेकानंद, लोकमान्य तिलक और महात्मा गांधी से प्रेरित होकर, डॉ. हेडगेवार ने कठिन समय में समाज को एकजुट करने का कार्य शुरू किया।
देशव्यापी और वैश्विक प्रभाव
आज RSS की 57,000 से अधिक शाखाएं देशभर में चल रही हैं। इससे जुड़े संगठनों में ABVP, BMS, VHP और विद्या भारती शामिल हैं, जिन्होंने शिक्षा, श्रम, और सामाजिक समरसता में महत्वपूर्ण बदलाव लाए। आदिवासी क्षेत्रों में वनवासी कल्याण आश्रम और राम जन्मभूमि आंदोलन जैसे अभियानों में भी RSS की सक्रिय भूमिका रही है।
कार्यप्रणाली और संस्कृति
RSS की दैनिक शाखा इसके अनुशासन, एकता और देशभक्ति का केंद्र है। यहां शारीरिक व्यायाम, देशभक्ति गीत और राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होती है। संगठन ने वर्ष प्रतिपदा, विजयादशमी जैसे उत्सवों को सामाजिक एकता का प्रतीक बनाया।
हिंदू दर्शन की वैश्विक प्रासंगिकता
RSS का हिंदू जीवन दर्शन मानवता की एकता, प्रकृति के साथ सामंजस्य और आत्म-नियंत्रण पर आधारित है। पीएम मोदी ने इसे आधुनिक विश्व के लिए एक टिकाऊ और वैकल्पिक मॉडल बताया, जो पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक संतुलन को बढ़ावा देता है।
“लाल किले से पीएम मोदी द्वारा RSS की सराहना इस संगठन की सदीभर की सेवा यात्रा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने जैसा है।”
