पीएम मोदी श्रीलंका यात्रा 2025: ऐतिहासिक स्वागत और संभावित समझौते
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी आधिकारिक यात्रा पर श्रीलंका पहुंचे, जहां उन्हें कोलंबो एयरपोर्ट पर एक भव्य और दुर्लभ स्वागत मिला। इस यात्रा को भारत और श्रीलंका के बीच राजनयिक, रणनीतिक और व्यापारिक संबंधों को एक नई दिशा देने वाला कदम माना जा रहा है।“
श्रीलंका में पीएम मोदी का ऐतिहासिक स्वागत
कोलंबो में पीएम मोदी के आगमन पर पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। श्रीलंका के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत तमाम उच्च पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
इस तरह का औपचारिक और सम्मानजनक स्वागत बहुत कम विदेशी नेताओं को मिलता है, जिससे यह साफ होता है कि श्रीलंका भारत के साथ संबंधों को कितना महत्व दे रहा है।पीएम मोदी श्रीलंका यात्रा 2025 का उद्देश्य
पीएम मोदी की इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य भारत-श्रीलंका के बीच राजनीतिक, सुरक्षा, ऊर्जा और व्यापार से जुड़े क्षेत्रों में सहयोग को और मज़बूत करना है।
मुख्य उद्देश्य:
- रणनीतिक सहयोग बढ़ाना
- समुद्री सुरक्षा में साझेदारी
- व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना
- पर्यटन और संस्कृति को सहयोग देना
- तमिल समुदाय के मुद्दों पर चर्चा करना
भारत-श्रीलंका के बीच संभावित बड़े समझौते
पीएम मोदी श्रीलंका यात्रा 2025 के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों की घोषणा होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, भारत और श्रीलंका के बीच निम्नलिखित क्षेत्रों में करार हो सकते हैं:
ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग:
- सौर और पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट्स
- श्रीलंका के ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति
- भारत से LNG आपूर्ति को लेकर नई योजना
व्यापार और निवेश:
- द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए समझौते
- भारतीय कंपनियों के लिए श्रीलंका में निवेश के अवसर
- ई-कॉमर्स और डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में सहयोग
कनेक्टिविटी और परिवहन:
- कोलंबो और चेन्नई के बीच नौका सेवा
- रेल परियोजनाओं में भारत की मदद
- हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा
शिक्षा और स्वास्थ्य:
- भारत द्वारा स्कॉलरशिप प्रोग्राम
- श्रीलंकाई छात्रों के लिए IIT व AIIMS में सीटें
- हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में सहयोग
रणनीतिक दृष्टिकोण: भारत-श्रीलंका समुद्री सुरक्षा सहयोग
श्रीलंका हिंद महासागर में एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश है। पीएम मोदी की इस यात्रा के माध्यम से भारत यह संदेश देना चाहता है कि वह क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को लेकर प्रतिबद्ध है।
समुद्री सहयोग के तहत:
- नेवी के संयुक्त अभ्यास
- समुद्री निगरानी तंत्र
- आतंकवाद और तस्करी रोकथाम की रणनीति
तमिल मुद्दों पर भी चर्चा की संभावना
भारत हमेशा से श्रीलंका के तमिल समुदाय के हितों की रक्षा करता आया है। इस यात्रा में पीएम मोदी इस विषय पर भी संवेदनशील चर्चा कर सकते हैं, जिससे दोनों देशों के बीच मानवीय रिश्ते और प्रगाढ़ हों।
पीएम मोदी की विदेश नीति की बड़ी जीत
पीएम मोदी की यह यात्रा उनकी एक्ट ईस्ट पॉलिसी और पड़ोसी प्रथम नीति को मजबूत करती है। श्रीलंका की इस गर्मजोशी भरी मेज़बानी से यह स्पष्ट है कि भारत की विदेश नीति सफल हो रही है।
भारत-श्रीलंका संबंधों में नया अध्याय
पीएम मोदी श्रीलंका यात्रा 2025 भारत की विदेश नीति और पड़ोसी देशों से संबंधों को लेकर एक मजबूत कदम है। इससे भारत को न सिर्फ क्षेत्रीय ताकत के रूप में मान्यता मिलेगी, बल्कि आर्थिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में भी मजबूती मिलेगी।
