वाराणसी को पीएम मोदी की 2200 करोड़ की सौगात, विकास परियोजनाओं और किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त का शुभारंभ
पीएम मोदी का वाराणसी दौरा: 2200 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ और किसानों को बड़ी सौगात
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक और ऐतिहासिक पहल की। सुबह 11 बजे वाराणसी पहुंचने के बाद उन्होंने 2200 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में शहरी बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, पर्यटन, जल प्रबंधन, सांस्कृतिक विरासत और ग्रामीण पेयजल योजना जैसी योजनाएं शामिल हैं। इसके साथ ही पीएम मोदी ने देशभर के 9.7 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त के रूप में 20,500 करोड़ रुपये की राशि डिजिटल माध्यम से जारी की।”
किसानों को मिला प्रधानमंत्री का भरोसा: सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दौरे के दौरान कहा कि देश के अन्नदाता की आय और जीवनस्तर में सुधार लाना सरकार की प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि,
“किसान सम्मान निधि के जरिए अब तक देश के 3.90 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि सीधे किसानों के खातों में भेजी जा चुकी है।”
यह रकम 9.7 करोड़ से अधिक किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की गई, जिससे योजना की पारदर्शिता और ईमानदारी भी दर्शित होती है।
सड़कों, ओवरब्रिज और बिजली परियोजनाओं का हुआ उद्घाटन
प्रधानमंत्री ने वाराणसी-भदोही और छितौनी-शूल टंकेश्वर मार्ग के चौड़ीकरण का उद्घाटन किया। इसके अलावा हरदत्तपुर में रेलवे ओवरब्रिज, बाबतपुर, गंगापुर, दालमंडी आदि में सड़क परियोजनाएं और रेलवे ओवरब्रिजों की आधारशिला रखी गई। बिजली अवसंरचना को सशक्त बनाने के लिए 880 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली स्मार्ट विद्युत वितरण परियोजना और भूमिगत विद्युत लाइन परियोजनाएं शुरू की गईं।
पर्यटन और विरासत स्थलों के विकास को मिली रफ्तार
वाराणसी के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को सहेजते हुए प्रधानमंत्री ने 8 कच्चे घाटों के पुनर्विकास, कालिका धाम और रंगीलदास कुटिया में विकास कार्यों का उद्घाटन किया। दुर्गाकुंड और शिवपुर तालाब के जीर्णोद्धार, रामकुंड व मंदाकिनी कुंड के जल शोधन और रखरखाव, कर्दमेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार और लमही स्थित प्रेमचंद के घर को संग्रहालय बनाने की योजना को भी गति दी गई है।
जल जीवन मिशन और ग्रामीण पेयजल योजनाओं का विस्तार
जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रधानमंत्री ने 47 ग्रामीण पेयजल योजनाओं का उद्घाटन किया। इन योजनाओं का उद्देश्य है गांवों को स्वच्छ और पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी प्रदान करना।
शिक्षा क्षेत्र में बदलाव: 53 स्कूलों और पुस्तकालय का कायाकल्प
वाराणसी नगर सीमा में स्थित 53 सरकारी स्कूलों के भवनों का उन्नयन किया गया है। इसके साथ ही एक नया जिला पुस्तकालय और सरकारी उच्च विद्यालयों के कायाकल्प की आधारशिला रखी गई।
स्वास्थ्य सेवाओं में आधुनिक सुविधाएं
स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने महामना कैंसर केंद्र और होमी भाभा कैंसर अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी, सीटी स्कैन जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं का शुभारंभ किया।
साथ ही एक नया होम्योपैथिक कॉलेज और अस्पताल, पशु जन्म नियंत्रण केंद्र और श्वान देखभाल केंद्र की नींव भी रखी गई।
खेल क्षेत्र को भी मिली तरजीह
डॉ. भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में सिंथेटिक हॉकी टर्फ का उद्घाटन किया गया है, जो वाराणसी के युवाओं को आधुनिक खेल सुविधाएं प्रदान करेगा।
पुलिस बल के लिए बुनियादी ढांचे का विकास
प्रधानमंत्री ने रामनगर स्थित पीएसी परिसर में 300 क्षमता वाले बहुउद्देशीय हॉल और त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) बैरक की नींव रखी, जिससे राज्य पुलिस बल की कार्यक्षमता और प्रशिक्षण में सुधार आएगा।
काशी संसद प्रतियोगिता और डिजिटल पंजीकरण प्लेटफॉर्म का शुभारंभ
युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए प्रधानमंत्री ने काशी संसद प्रतियोगिता के तहत स्केचिंग, फोटोग्राफी, पेंटिंग, सामान्य ज्ञान आदि प्रतियोगिताओं के लिए डिजिटल पंजीकरण पोर्टल का उद्घाटन किया।
दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों को सहायता उपकरण वितरित
प्रधानमंत्री ने अपने दौरे के दौरान 7400 से अधिक दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों को सहायक उपकरण वितरित किए। यह कार्यक्रम सामाजिक समावेशन और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
समग्र दृष्टिकोण: वाराणसी का बहुआयामी विकास
प्रधानमंत्री का यह दौरा केवल परियोजनाओं का उद्घाटन नहीं, बल्कि काशी के बहुआयामी और समग्र विकास का प्रतीक है। शहरी विकास, बुनियादी सेवाएं, ग्रामीण योजनाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और सामाजिक कल्याण—इन सभी क्षेत्रों को संतुलित प्राथमिकता दी गई।
“पीएम मोदी का वाराणसी दौरा केवल कागज़ी घोषणाओं का नहीं, बल्कि धरातल पर परिवर्तन लाने का प्रतीक है। 2200 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं और करोड़ों किसानों को आर्थिक सहायता देकर यह संदेश स्पष्ट है कि काशी, विकास का मॉडल बन रही है। यह दौरा न केवल शहर के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करेगा, बल्कि जनभागीदारी, समावेशिता और सतत विकास के सिद्धांतों पर आधारित भारत की प्रगति को रेखांकित करता है।”
