प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना: युवाओं को मिलेगा नया अवसर और सामाजिक सुरक्षा
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना की शुरुआत
“15 अगस्त 2025 को लाल किले से स्वतंत्रता दिवस संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना की घोषणा की। यह योजना युवाओं को रोजगार और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।”
योजना का लक्ष्य
- दो साल में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित करना।
- युवाओं की employability बढ़ाना।
- सभी को social security से जोड़ना।
- इसके लिए लगभग ₹1 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है।
योजना कब और कैसे लागू होगी?
- यह योजना 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच बनने वाली नौकरियों पर लागू होगी।
- योजना का पोर्टल 18 अगस्त 2025 से लाइव है:
- नियोक्ता (Employers) पोर्टल पर वन-टाइम रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
- पहली बार नौकरी करने वालों के लिए UAN नंबर फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (FAT) के ज़रिए UMANG App पर जेनरेट होगा।
योजना के दो प्रमुख भाग
Part A – Employees के लिए
- पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को अधिकतम ₹15,000 तक का Incentive मिलेगा।
- यह राशि दो किश्तों में दी जाएगी।
- जिनकी gross salary ₹1 लाख तक है, वे इसके पात्र होंगे।
Part B – Employers के लिए
- नियोक्ताओं को हर अतिरिक्त कर्मचारी पर ₹3000 प्रति माह तक का Incentive मिलेगा।
- यह प्रोत्साहन सामान्य तौर पर 2 साल तक और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 4 साल तक मिलेगा।
- कर्मचारी को कम से कम 6 महीने तक नौकरी में बने रहना अनिवार्य होगा।
पात्रता की शर्तें
- जिन प्रतिष्ठानों में 50 से कम कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम 2 नए कर्मचारी रखने होंगे।
- जिनमें 50 या उससे अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम 5 नए कर्मचारी रखने होंगे।
- सभी Exempted Establishments को भी योजना के तहत अपने कर्मचारियों का UAN खोलना अनिवार्य होगा।
योजना का लाभ
- युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
- सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ भी मिलेगा।
- देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
- मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को नई ऊर्जा मिलेगी।
“प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना युवाओं के लिए रोजगार और सामाजिक सुरक्षा का बड़ा अवसर है। इससे न केवल करोड़ों नौकरियां पैदा होंगी, बल्कि देश के उद्योग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी। यह योजना भारत को विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की ओर तेजी से ले जाने में सहायक साबित होगी।”