79वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी की घोषणा — 1 लाख करोड़ की ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ से 3.5 करोड़ नौकरियों का लक्ष्य
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना — युवाओं के लिए बड़ा कदम
“79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित करते हुए 1 लाख करोड़ रुपये की ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ की शुरुआत की। यह योजना युवाओं को औपचारिक रोजगार से जोड़ने और निजी क्षेत्र को भर्ती के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बनाई गई है।”
योजना का उद्देश्य और दायरा
प्रधानमंत्री ने इसे ‘विकसित भारत मिशन’ का अहम हिस्सा बताया। इस योजना के तहत अगले दो साल में लगभग
3.5 करोड़ नई नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से
1.92 करोड़ लोग पहली बार कार्यबल में शामिल होंगे।
युवाओं के लिए सीधा प्रोत्साहन
योजना के अनुसार, जो युवा निजी क्षेत्र में अपनी पहली नौकरी हासिल करेंगे, उन्हें सरकार की ओर से सीधे
₹15,000 दिए जाएंगे।
इससे उन्हें औपचारिक रोजगार अपनाने और स्थिर आय पाने में मदद मिलेगी।
नियोक्ताओं के लिए वित्तीय सहायता
जो कंपनियां नए कर्मचारियों की भर्ती करेंगी, उन्हें भी वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा। प्रति नए कर्मचारी पर कंपनियों को
₹3,000 प्रति माह तक सहायता दी जाएगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को अतिरिक्त लाभ मिलेगा, जिससे उत्पादन और औद्योगिक रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
क्रियान्वयन की जिम्मेदारी
इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन
(EPFO) को दी गई है। दोनों संस्थाएं मिलकर यह सुनिश्चित करेंगी कि लाभार्थियों तक योजना का फायदा सीधे और पारदर्शी तरीके से पहुंचे।
युवाओं के लिए ‘डबल दिवाली’ का तोहफा
पीएम मोदी ने इसे युवाओं के लिए “डबल दिवाली” का तोहफा बताया। उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल रोजगार सृजन में मदद करेगी, बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण और राष्ट्रीय प्रगति को भी गति देगी।
2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस योजना का मकसद केवल नौकरी देना नहीं, बल्कि समावेशी विकास को सुनिश्चित करना है। यह
2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के विजन के अनुरूप है।
“‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ युवाओं, कंपनियों और देश की अर्थव्यवस्था — तीनों के लिए फायदेमंद है। यह न केवल लाखों युवाओं को औपचारिक रोजगार से जोड़ेगी, बल्कि औद्योगिक विकास और आर्थिक वृद्धि में भी अहम भूमिका निभाएगी।”