प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना: युवाओं को आत्मनिर्भरता और रोजगार के नए अवसर
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना: भारत के युवा भविष्य की ओर बढ़ते हुए
“भारत की बढ़ती युवा जनसंख्या में अपार संभावनाएं हैं, लेकिन दोहन करने के लिए सही कौशल की आवश्यकता है। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 6 करोड़ से अधिक भारतीयों को आर्थिक और सामाजिक उन्नति वाहक बनाने के लिए मजबूत बनाया है। इन योजनाओं के माध्यम से सरकार ने देश के नागरिकों को कौशल विकास, शिक्षुता और उद्यमिता के माध्यम से रोजगार और आत्मनिर्भरता के अवसर प्रदान किए हैं।”
स्किल इंडिया मिशन: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम
भारत सरकार ने स्किल इंडिया मिशन (एसआईएम) के तहत युवाओं को उद्योग जगत के लिए प्रासंगिक एवं आवश्यक कौशल से लैस करने के लिए विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों की शुरुआत की। इन कार्यक्रमों में कौशल विकास, फिर से कुशल बनाने और कौशल उन्नयन पर जोर दिया जाता है, ताकि युवा स्थायी करियर के लिए आवश्यक उपकरण हासिल कर सकें। स्किल इंडिया मिशन भारत को आत्मनिर्भर और विकसित देश बनाने की दिशा में काम कर रहा है। यह अभियान देश के युवाओं को आत्मनिर्भरता का हौसला और हुनर देता है, जिससे वे नए अवसरों का सामना कर सकें।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY): युवाओं को नई दिशा मिल रही है
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
(PMKVY) 4.0 के तहत, देश भर के युवाओं को पूर्व शिक्षण की मान्यता
(RPL) के माध्यम से अल्पकालिक कौशल प्रशिक्षण और कौशल उन्नयन के अवसर दिए जा रहे हैं। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे देश में युवाओं को कौशल प्रदान करने और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए काम कर रही है। इसके अलावा, जन शिक्षण संस्थान
(JSS) और राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना
(NAPS) जैसे कार्यक्रमों के तहत भी युवाओं को व्यावसायिक कौशल प्रदान कर उन्हें स्वावलंबी बनने का मौका दिया जा रहा है।
जन शिक्षण संस्थान (JSS): स्कूल लीवर्स के लिए एक ऑप्शन
जन शिक्षण संस्थान
15 से
45 आयु वर्ग के निरक्षरों, नव-साक्षरों और स्कूल छोड़ने वाले युवाओं के लिए व्यावसायिक कौशल प्रदान करते हैं। यह योजना विशेष रूप से महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक वर्ग और कम आय वाले शहरी क्षेत्रों पर काम करती है। अब तक, इस योजना के तहत
26 लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (NAPS): प्रशिक्षुओं को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण
राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना
(NAPS) के तहत प्रशिक्षुओं को वित्तीय सहायता (स्टाइपेंड) दी जाती है, जिससे वे प्रशिक्षण के दौरान प्रोत्साहित हो सकें। इस योजना के तहत
51,000 से अधिक प्रतिष्ठानों ने भाग लिया है, और
43.47 लाख प्रशिक्षुओं को नियोजित किया गया है। यह योजना उद्योगों में बुनियादी और कार्यस्थल/व्यावहारिक प्रशिक्षण देने में मदद
करती है।
National Skill Training Institute (NSTI): उभरते क्षेत्रों के लिए नयी पहल
राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान
(NSTI) का लक्ष्य उभरते क्षेत्रों की आवश्यकताओं के अनुसार उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षक प्रशिक्षण और विशेष कौशल प्रदान करना है। हाल ही में दो नए उत्कृष्टता केंद्रों की घोषणा हैदराबाद और चेन्नई के लिए की गई है, जो कौशल प्रशिक्षण को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बढ़ावा देंगे और राष्ट्रीय संदर्भ बिंदु के रूप में काम करेंगे।
प्रारंभ से लेकर अब तक: सफलता की कहानी
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना ने
6 करोड़ से अधिक भारतीयों को प्रशिक्षित किया है और उन्हें नए रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। इन योजनाओं के माध्यम से युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, नौकरी के सम्भावना और उद्योगों के साथ बेहतर स्याह परस बनने का अवसर मिला है। इस योजना ने कौशल विकास को बढ़ावा तो दे ही दिया है, भारत को दुनिया के सबसे बड़े श्रम बाजारों में से एक बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का भविष्य
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
(PMKVY) और अन्य कौशल विकास कार्यक्रमों ने भारतीय युवाओं को आत्मनिर्भर होने, उद्योगों के लिए आवश्यक कौशल के लिए सीखना और रोजगार के अवसर प्राप्त करने के लिए सक्षम किया है। यह योजना भारत को वैश्विक श्रम शक्ति के रूप में पहचान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।