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दिल्ली में बारिश से प्रदूषण में कमी: राहत की सांस

दिल्ली, जिसे देश की राजधानी के साथ-साथ विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक माना जाता है, ने हाल ही में बारिश के कारण वायु गुणवत्ता में सुधार देखा है। पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश ने न केवल तापमान में गिरावट लाई, बल्कि हवा में घुले जहरीले कणों को भी साफ कर दिया, जिससे लोगों को राहत मिली।

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति

दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है, खासकर सर्दियों के महीनों में, जब हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे हानिकारक कणों की मात्रा खतरनाक स्तर तक पहुंच जाती है। वाहनों से निकलने वाले धुएं, निर्माण कार्य, पराली जलाने और औद्योगिक गतिविधियों के कारण हवा में प्रदूषण बढ़ जाता है।

बारिश का प्रभाव

बारिश के पानी ने हवा में मौजूद हानिकारक तत्वों को धो दिया, जिससे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में सुधार हुआ। सामान्य दिनों में 300-500 के बीच रहने वाला AQI बारिश के बाद 100-150 तक आ गया, जो कि मध्यम स्तर पर आता है। यह स्थिति सांस की समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए राहतभरी साबित हुई।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश वायुमंडल में मौजूद प्रदूषक तत्वों को जमीन पर गिरा देती है, जिससे हवा की शुद्धता में सुधार होता है। इसके अलावा, हवा में नमी बढ़ने से धूल और अन्य हानिकारक कण नीचे बैठ जाते हैं। यह प्रक्रिया ‘वेट डिपॉजिशन’ कहलाती है, जो प्रदूषण को कम करने में सहायक होती है।

सरकार और प्रशासन की भूमिका

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं, जैसे कि ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (GRAP) को लागू करना, ऑड-ईवन योजना लाना, निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाना और हरित पट्टी बढ़ाने के प्रयास करना। बारिश ने इन प्रयासों को और अधिक प्रभावी बना दिया है।

जनता की प्रतिक्रिया

दिल्लीवासियों ने बारिश के बाद साफ हवा में सांस लेकर राहत की अनुभूति की। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपनी खुशी जाहिर की और खुले आसमान और ताजा हवा की तस्वीरें साझा कीं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह राहत अस्थायी है और स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकता है।

चुनौतियां और भविष्य की राह

हालांकि बारिश से अस्थायी रूप से राहत मिली है, लेकिन दिल्ली में प्रदूषण को स्थायी रूप से कम करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने की आवश्यकता है:

  • सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना और निजी वाहनों का उपयोग कम करना
  • हरित क्षेत्र और वृक्षारोपण को बढ़ावा देना
  • औद्योगिक उत्सर्जन को नियंत्रित करना
  • स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को अपनाना

निष्कर्ष

दिल्ली में बारिश ने प्रदूषण की समस्या से कुछ समय के लिए राहत प्रदान की है, लेकिन यह कोई स्थायी समाधान नहीं है। सरकार, वैज्ञानिकों और नागरिकों को मिलकर ऐसे उपाय अपनाने होंगे, जो लंबे समय तक प्रदूषण को नियंत्रित कर सकें। यदि सही कदम उठाए जाएं, तो दिल्ली एक बार फिर ‘स्वच्छ और हरी-भरी राजधानी’ बन सकती है।

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