रूस ने किया पोसीडॉन टॉरपीडो का सफल परीक्षण, समुद्र में मचा सकता है तबाही – द मॉर्निंग स्टार
रूस पोसीडॉन टॉरपीडो के सफल परीक्षण ने एक बार फिर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जानकारी दी कि रूस ने एक ऐसा परमाणु-संचालित टॉरपीडो विकसित किया है जो समुद्र के भीतर रेडियोएक्टिव लहरें पैदा कर सकता है। इन लहरों से तटीय इलाके और शहर कुछ ही पलों में रहने लायक नहीं बचेंगे।
पोसीडॉन टॉरपीडो की खासियत यह है कि यह अपनी खुद की न्यूक्लियर फ्यूल यूनिट से संचालित होता है। यानी इसे ईंधन भरने की आवश्यकता नहीं होती और यह लगभग अनलिमिटेड दूरी तक यात्रा कर सकता है। इसे पनडुब्बी से लॉन्च किया जाता है और इसके अंदर लगा छोटा परमाणु रिएक्टर इसे असीम ऊर्जा देता है।
पुतिन ने बताया कि रूस ने इस परीक्षण में दो काम एक साथ सफलतापूर्वक किए— टॉरपीडो लॉन्च करना और उसके अंदर मौजूद न्यूक्लियर रिएक्टर को सक्रिय करना। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ‘पोसीडॉन टॉरपीडो’ सिर्फ एक हथियार नहीं बल्कि एक मनोवैज्ञानिक हथियार भी है, जो दुश्मनों में भय पैदा करने के लिए पर्याप्त है।
द मॉर्निंग स्टार के अनुसार, यह सफलता रूस के लिए रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम है। यह हथियार न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है बल्कि अमेरिका और नाटो के लिए एक सीधा जवाब भी है।

🔹 FAQ
Q1. रूस पोसीडॉन टॉरपीडो क्या है?
यह रूस द्वारा बनाया गया परमाणु-संचालित टॉरपीडो है, जो समुद्र के नीचे रेडियोएक्टिव लहरें पैदा कर सकता है।
Q2. यह टॉरपीडो कितना शक्तिशाली है?
रूस का दावा है कि इसकी ताकत उनकी सबसे उन्नत मिसाइल सरमत से भी अधिक है।
Q3. इसे क्यों बनाया गया?
अमेरिका और नाटो की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के जवाब में रूस ने इसे तैयार किया है।
Q4. क्या यह सिर्फ हमला करने के लिए है?
नहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक मनोवैज्ञानिक डर पैदा करने वाला हथियार भी है।
