प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना: 3.5 करोड़ युवाओं को रोजगार और नियोक्ताओं को प्रोत्साहन
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना 2025: युवाओं और नियोक्ताओं के लिए सुनहरा अवसर
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस
2025 के अवसर पर लाल किले से देश के लिए एक ऐतिहासिक घोषणा की। उन्होंने प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य अगले दो वर्षों में
3.5 करोड़ से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना और नियोक्ताओं को नए भर्ती के लिए प्रोत्साहन देना है। यह योजना न केवल युवाओं को नौकरी देने पर केंद्रित है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और नियोक्ताओं को रोजगार सृजन के लिए प्रेरित करने के लिए भी बनाई गई है।"
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना का उद्देश्य
योजना का मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं को रोजगार के अवसर देना और विभिन्न क्षेत्रों, खासकर विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) सेक्टर में नई नौकरियों का निर्माण करना है। इस योजना से नए कर्मचारियों को वित्तीय प्रोत्साहन और नियोक्ताओं को भर्ती के लिए सहायता दी जाएगी।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
- दो वर्षों में 3.5 करोड़ रोजगार अवसर – इस योजना के तहत 1.92 करोड़ नए कर्मचारी और 2.60 करोड़ नए रोजगार सृजित करने का लक्ष्य है।
- युवाओं के लिए वित्तीय सहायता – पहली बार ईपीएफओ में पंजीकृत कर्मचारियों को दो किस्तों में 15,000 रुपये तक का प्रोत्साहन मिलेगा।
- नियोक्ताओं के लिए मासिक प्रोत्साहन – नियोक्ताओं को प्रति नए कर्मचारी दो साल तक 3,000 रुपये मासिक सहायता दी जाएगी।
- विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान – मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए प्रोत्साहन को तीसरे और चौथे वर्ष तक बढ़ाया जाएगा।
- सोशल सिक्योरिटी कवरेज – योजना से कार्यबल की औपचारिकता और सामाजिक सुरक्षा कवरेज में वृद्धि होगी।
भाग A – पहली बार कर्मचारियों के लिए सहायता
- योजना का यह हिस्सा पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं के लिए है।
- पात्रता: 1 लाख रुपये मासिक वेतन तक के कर्मचारी।
- प्रोत्साहन राशि: 15,000 रुपये दो किस्तों में (6 महीने और 12 महीने के बाद)।
- वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने पर दूसरी किस्त मिलेगी।
- एक हिस्सा बचत खाते में जमा होगा ताकि युवाओं में बचत की आदत विकसित हो।
भाग A से मिलने वाले लाभ
- लगभग 1.92 करोड़ नए कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
- युवाओं में आर्थिक स्थिरता और वित्तीय ज्ञान बढ़ेगा।
- औपचारिक रोजगार का हिस्सा बढ़ेगा।
भाग B – नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन
- यह हिस्सा सभी क्षेत्रों में, विशेषकर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में, रोजगार बढ़ाने के लिए है।
- पात्रता: नए कर्मचारियों को भर्ती करने वाले नियोक्ता, जिनका वेतन 1 लाख रुपये तक हो।
- प्रोत्साहन राशि: प्रति कर्मचारी 3,000 रुपये प्रति माह, 2 साल तक।
- मैन्युफैक्चरिंग के लिए लाभ 4 साल तक बढ़ाया जा सकता है।
भाग B से होने वाले फायदे
- लगभग 2.60 करोड़ अतिरिक्त रोजगार सृजित होंगे।
- नियोक्ताओं को भर्ती बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नई गति मिलेगी।
प्रोत्साहन भुगतान तंत्र
- भाग A: कर्मचारियों को भुगतान आधार आधारित प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से, आधार पब्लिक पेमेंट सिस्टम (ABPS) द्वारा होगा।
- भाग B: नियोक्ताओं को भुगतान सीधे पैन-लिंक्ड बैंक खाते में होगा।
योजना के संभावित प्रभाव
- युवाओं में रोजगार दर में सुधार।
- छोटे और बड़े उद्योगों में उत्पादन क्षमता में वृद्धि।
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान अवसर।
- आर्थिक विकास और सामाजिक सुरक्षा में मजबूती।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
पात्रता शर्तें:
- कर्मचारी के लिए: ईपीएफओ में पहली बार पंजीकरण, मासिक वेतन 1 लाख रुपये तक।
- नियोक्ता के लिए: नए रोजगार का सृजन और कम से कम 6 महीने तक कर्मचारी को बनाए रखना।
आवेदन प्रक्रिया:
- आधिकारिक पोर्टल पर लॉगिन।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- पात्रता की जांच और अनुमोदन।
- DBT के माध्यम से भुगतान प्राप्त करें।
योजना से जुड़े सेक्टर
- मैन्युफैक्चरिंग
- सर्विस इंडस्ट्री
- टेक्नोलॉजी और आईटी सेक्टर
- एग्री-बेस्ड इंडस्ट्री
- स्टार्टअप और MSME सेक्टर
योजना से मिलने वाले दीर्घकालिक लाभ
- रोजगार के अवसरों में स्थायी वृद्धि।
- युवाओं की आय में इज़ाफा और जीवन स्तर में सुधार।
- नियोक्ताओं के लिए लागत में कमी और उत्पादन में वृद्धि।
- भारत को वैश्विक विनिर्माण हब बनाने में मदद।