प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के गांव से शुरू किया हस्ताक्षर अभियान
"बिहार की राजनीति में बदलाव लाने की सोच रखने वाले प्रशांत किशोर ने आज एक बार फिर बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव, कल्याणबिगहा से अपने हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की। यह कार्यक्रम उनके जन सुराज अभियान का एक अहम हिस्सा है, जिसका मकसद जनता से सीधा जुड़ाव बनाना और उनके मुद्दों को जानना है।"
जन सुराज का अगला चरण: हस्ताक्षर अभियान
प्रशांत किशोर हस्ताक्षर अभियान के तहत अब वे बिहार के हर जिले, गांव और पंचायत में जाकर लोगों से समर्थन मांगेंगे। इस हस्ताक्षर अभियान का मकसद न सिर्फ समर्थन जुटाना है, बल्कि जनता से संवाद स्थापित करना, उनकी समस्याओं को समझना और बदलाव की नींव तैयार करना है।
क्यों चुना नीतीश कुमार का गांव?
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के गांव से इस अभियान की शुरुआत करके एक बड़ा राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है। नीतीश कुमार, जो लंबे समय से बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं, उनके गांव से अभियान शुरू करना प्रशांत किशोर की रणनीति का हिस्सा है। यह न सिर्फ प्रतीकात्मक है, बल्कि यह दिखाता है कि वे बदलाव वहीं से शुरू करना चाहते हैं, जहां से वर्तमान व्यवस्था की जड़ें हैं।
जन सुराज अभियान की अब तक की यात्रा
जन सुराज यात्रा बिहार में प्रशांत किशोर द्वारा चलाया जा रहा एक राजनीतिक अभियान है। इसकी शुरुआत 2022 में हुई थी, जिसका मकसद था जनता के बीच जाकर जमीनी सच्चाई जानना। अब तक इस यात्रा में उन्होंने सैकड़ों गांवों का दौरा किया है, हजारों लोगों से मिले हैं और उनकी समस्याएं सुनी हैं।
हस्ताक्षर अभियान की रणनीति
प्रत्यक्ष संवाद: हर गांव में जाकर लोगों से मिलना और उनसे हस्ताक्षर लेना।समर्थन एकत्र करना: बिहार की जनता से बदलाव के समर्थन में हस्ताक्षर जुटाना।समस्या का दस्तावेजीकरण: हस्ताक्षर अभियान के दौरान लोगों से उनकी समस्याओं पर भी लिखित फीडबैक लिया जाएगा।स्थानीय मुद्दों की पहचान: गांव और पंचायत स्तर पर विकास की बाधाओं को समझना।
हस्ताक्षर अभियान क्यों है अहम?
प्रशांत किशोर हस्ताक्षर अभियान इसीलिए अहम है क्योंकि यह जनता की भागीदारी को मजबूत करता है। आमतौर पर चुनाव के समय ही नेता जनता के बीच जाते हैं, लेकिन यह अभियान गैर-चुनावी समय में जनता से सीधा जुड़ाव करता है। इससे न सिर्फ भरोसा बढ़ेगा, बल्कि एक जन आंदोलन की शुरुआत होगी।
नीतीश कुमार के गांव से क्या मिला संदेश?
नीतीश कुमार का गांव कल्याणबिगहा, मुख्यमंत्री के कार्यकाल में चर्चा में रहा है। वहां विकास के कुछ कार्य हुए हैं, लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो अब भी कई समस्याएं बनी हुई हैं। प्रशांत किशोर ने वहां के लोगों से बातचीत में साफ कहा कि उनका मकसद किसी को गिराना नहीं, बल्कि एक बेहतर व्यवस्था खड़ी करना है। यह भी कहा गया कि वे बिहार के भविष्य को लेकर गंभीर हैं और उसका निर्माण जनता के साथ मिलकर ही होगा।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
राजनीतिक विरोधियों का मानना है कि यह सब एक राजनीतिक स्टंट है। लेकिन प्रशांत किशोर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि यह कोई पारंपरिक राजनीति नहीं है। वे राजनीति को सेवा मानते हैं, और उनका अभियान उसी दिशा में एक प्रयास है।
मीडिया कवरेज और जनता की भागीदारी
अभियान को स्थानीय मीडिया ने काफी तवज्जो दी है। लोगों में भी इस अभियान को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। गांवों में महिलाएं, युवा और बुजुर्ग खुलकर अपनी बात रख रहे हैं। कई लोगों ने इसे एक ‘जन चेतना’ का नाम भी दिया।
आगे की योजना
हस्ताक्षरित समर्थन को एक सार्वजनिक डॉक्युमेंट के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
अगले 6 महीनों में सभी जिलों में अभियान चलाया जाएगा।
डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी जनता से संवाद होगा।
