राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में दी श्रद्धांजलि
"राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होना भारत की ओर से एक भावनात्मक और गरिमामयी श्रद्धांजलि थी। यह कदम विश्व समुदाय के साथ भारत के मजबूत संबंधों को भी दर्शाता है।"
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में हुईं शामिल
आज, 26 अप्रैल 2025 को, भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वायर में आयोजित पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार समारोह में भाग लिया। उनके साथ एक विशेष भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हुआ।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का परिचय
राष्ट्रपति के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री श्री किरेन रिजिजू, अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन और गोवा विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री जोशुआ डिसूजा शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने भारत की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की।
पोप फ्रांसिस का जीवन परिचय और योगदान
पोप फ्रांसिस विश्वभर में शांति, एकता और करुणा के प्रतीक रहे। उनका जीवन सादगी, सेवा और प्रेम का उदाहरण था। वे हमेशा गरीबों और वंचितों के लिए खड़े रहे। उनके कार्यों ने विभिन्न धर्मों के बीच संवाद को मजबूत किया।
समारोह का वातावरण और भावनात्मक क्षण
अंतिम संस्कार समारोह में लाखों लोग शामिल हुए। वेटिकन सिटी का सेंट पीटर्स स्क्वायर लोगों के शोक और श्रद्धांजलि के भावों से भरा था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शांतिपूर्वक पोप फ्रांसिस को अंतिम विदाई दी।
राष्ट्रपति का संदेश
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि पोप फ्रांसिस की शिक्षाएं विश्व शांति और भाईचारे के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत रहेंगी। उन्होंने भारत की ओर से गहरी संवेदना व्यक्त की और वेटिकन के साथ सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई।
पोप फ्रांसिस के निधन पर वैश्विक प्रतिक्रिया
पोप फ्रांसिस के निधन पर दुनियाभर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव, अमेरिकी राष्ट्रपति और अन्य कई प्रमुख नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। यह दिखाता है कि उन्होंने पूरी दुनिया में गहरा प्रभाव डाला था।
भारत और वेटिकन सिटी के संबंध
भारत और वेटिकन सिटी के बीच सदैव मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। दोनों देशों ने धार्मिक सहिष्णुता और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम किया है। इस प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति ने इन संबंधों को और भी मजबूत किया।
अंतिम संस्कार का आयोजन
समारोह का आयोजन अत्यंत गरिमा और श्रद्धा के साथ हुआ। धार्मिक अनुष्ठानों के बीच, पोप फ्रांसिस को विदाई दी गई। समारोह में विश्व के अनेक देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
महत्वपूर्ण बिंदु:
समारोह में शामिल होने से भारत ने वैश्विक स्तर पर मानवीय मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया।पोप फ्रांसिस के योगदान को याद करते हुए, दुनिया ने उन्हें एक युगद्रष्टा के रूप में सम्मानित किया।
भविष्य की दिशा
राष्ट्रपति मुर्मु की वेटिकन यात्रा ने भारत के बहुलतावाद और वैश्विक शांति के प्रति समर्पण को दर्शाया। इस यात्रा से भारत और वेटिकन के बीच संवाद और सहयोग के नए रास्ते खुल सकते हैं।
