प्रधानमंत्री मोदी की यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष से मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच 28 फरवरी 2025 को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस बैठक का उद्देश्य भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाना था।
बैठक का प्रमुख उद्देश्य
इस उच्चस्तरीय वार्ता में दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, रक्षा, और वैश्विक चुनौतियों जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की। दोनों पक्षों ने एक महत्वाकांक्षी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने की दिशा में प्रगति की समीक्षा की, जो दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा समझौता होगा। इस समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है, जिससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा।
व्यापार और निवेश में सहयोग
वर्तमान में, यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसमें वित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 135 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। इसमें से 76 अरब डॉलर का निर्यात भारत द्वारा यूरोपीय संघ को किया गया, जबकि 59 अरब डॉलर का आयात यूरोपीय संघ से भारत में हुआ। सेवाओं के क्षेत्र में भी द्विपक्षीय व्यापार 53 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें 30 अरब डॉलर का निर्यात और 23 अरब डॉलर का आयात शामिल है। भारत में यूरोपीय संघ के निवेश का मूल्य 117 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है, जबकि यूरोपीय संघ में भारत का निवेश लगभग 40 अरब अमेरिकी डॉलर है।
रक्षा और सुरक्षा में सहयोग
बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने पर भी चर्चा की। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन ने संकेत दिया कि यूरोपीय संघ जापान और दक्षिण कोरिया के साथ अपनी साझेदारी की तर्ज पर भारत के साथ भविष्य में रक्षा समझौते की संभावना तलाश रहा है। इससे क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में सहयोग बढ़ेगा।
वैश्विक चुनौतियों पर विचार–विमर्श
रूस-यूक्रेन संघर्ष, हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति, और पश्चिम एशिया के घटनाक्रम जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी दोनों नेताओं ने विचार-विमर्श किया। भारत ने स्पष्ट किया कि वह यूक्रेन में शांति सेना नहीं भेजेगा और रूस के खिलाफ किसी भी प्रतिबंध का समर्थन नहीं करेगा। दोनों पक्षों ने वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
भविष्य की दिशा
प्रधानमंत्री मोदी और अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन की इस बैठक ने भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को एक नई दिशा दी है। दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने का संकल्प लिया है, जिससे न केवल द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे, बल्कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में भी सहयोग बढ़ेगा।
इस बैठक के माध्यम से, भारत और यूरोपीय संघ ने अपने संबंधों को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो आने वाले समय में दोनों पक्षों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।