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पब्लिक सेक्टर बैंकों का कारोबार 2024-25 में 251 लाख करोड़ के पार, शुद्ध लाभ और NPA में भी उल्लेखनीय सुधार

नई दिल्ली, 28 जून 2025 — देश के पब्लिक सेक्टर बैंकों (PSBs) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। इन बैंकों का कुल कारोबार बढ़कर 251 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो 2022-23 में 203 लाख करोड़ रुपये था। यह वृद्धि बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती और अर्थव्यवस्था में विश्वास को दर्शाती है।”


NPA में भारी गिरावट: बैंकिंग क्षेत्र के लिए राहत

बैठक में सबसे बड़ी खबर रही बैंकों के नेट नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) में आई कमी। वर्ष 2022-23 में जहां यह आंकड़ा 1.24% था, वहीं अब यह घटकर 0.52% रह गया है। यह संकेत देता है कि बैंक अब ऋण वितरण और वसूली में अधिक प्रभावी हो गए हैं।


बढ़ा हुआ लाभ और डिविडेंड: सरकार और अर्थव्यवस्था को मिला फायदा

इस वृद्धि ने बैंकों की वित्तीय सुदृढ़ता और देश की राजस्व स्थिति को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।


पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CRAR): संकट से निपटने के लिए मजबूत तैयारी

बैंकों का CRAR मार्च 2025 तक 16.15% दर्ज किया गया है, जो यह दर्शाता है कि बैंक किसी भी आर्थिक संकट या झटके को झेलने के लिए तैयार हैं। यह आंकड़ा अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार एक स्वस्थ बैलेंस शीट का संकेत है।


बैठक की प्रमुख बातें: वित्त मंत्री ने दिए विकास परक निर्देश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस वार्षिक समीक्षा बैठक में कई अहम विषयों पर चर्चा हुई:

1. ऋण वितरण और ग्राहक सेवा

बैंकों से कहा गया कि वे ऋण वितरण में पारदर्शिता और तेजी बनाए रखें। साथ ही, ग्राहक सेवा को बेहतर बनाने के लिए डिजिटल बैंकिंग पर ज़ोर दें।

2. वित्तीय समावेशन और ग्रामीण पहुंच

ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। 100 कम उत्पादकता वाले जिलों में कृषि ऋण को प्राथमिकता देने को कहा गया।

3. जन कल्याणकारी योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाना

बैंकों को इन योजनाओं के क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए गए:


डिजिटल बैंकिंग और साइबर सुरक्षा: भविष्य की प्राथमिकताएं

बैठक में डिजिटल लेन-देन के विस्तार और साइबर सुरक्षा के मजबूत उपायों पर भी ज़ोर दिया गया। वित्त मंत्री ने बैंकों से आग्रह किया कि वे ग्राहकों को सुरक्षित डिजिटल अनुभव देने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।


गिफ्ट सिटी और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं में सक्रियता

बैंकों से गिफ्ट सिटी (GIFT City) में अपनी उपस्थिति बढ़ाने और इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) में भागीदारी करने को कहा गया, ताकि भारत की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय भागीदारी और अधिक मजबूत हो सके।

अर्थव्यवस्था को मिला बैंकों से मज़बूत समर्थन

पब्लिक सेक्टर बैंकों का कारोबार 2024-25 में जिस तेजी से बढ़ा है, वह न केवल बैंकों की आंतरिक मजबूती को दर्शाता है बल्कि यह भी साबित करता है कि भारत की आर्थिक नींव अब पहले से अधिक स्थिर और सक्षम है।

“वित्त मंत्री के मार्गदर्शन में इन बैंकों की रणनीतिक भूमिका आगे भी आर्थिक विकास, वित्तीय समावेशन और डिजिटल क्रांति को बढ़ावा देने में जारी रहेगी।”

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