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पंजाब बंद: किसानों की मांगों पर जोर, जनजीवन प्रभावित

“पंजाब में किसानों की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर बुलाए गए बंद का सोमवार को व्यापक असर देखा गया। किसान संगठनों के इस आह्वान ने परिवहन, व्यापार और आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। बंद का नेतृत्व किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल कर रहे हैं, जो एक महीने से अधिक समय से भूख हड़ताल पर हैं।”

मुख्य मार्ग और परिवहन सेवाएं ठप

बंद के दौरान जालंधर-लुधियाना हाईवे पूरी तरह से बंद रहा। जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन के पास भी सड़कें जाम कर दी गईं। बंद का समय सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक निर्धारित किया गया। इस दौरान केवल आपातकालीन सेवाओं को चालू रखा गया। बंद की वजह से वंदे भारत और शताब्दी जैसी प्रमुख ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हुईं।

पंजाब रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (पीआरटीसी) और निजी बस ऑपरेटरों ने भी बंद का समर्थन किया, जिसके चलते अधिकांश बसें सड़कों से नदारद रहीं।

यात्रियों की परेशानी

यात्रा करने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जालंधर के बस स्टैंड पर यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए इंतजार करते नजर आए। चंडीगढ़ के आईएसबीटी सेक्टर-43 में भी पीआरटीसी की बसें नहीं चल रही थीं। यात्रियों को अपने सफर के लिए वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना पड़ा।

ग्रामीण इलाकों में बंद का व्यापक असर

मोहाली, पटियाला, लुधियाना, मोगा, फिरोजपुर, बठिंडा, और अन्य जिलों में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। ग्रामीण इलाकों में बंद का असर अधिक दिखाई दिया, जहां किसानों ने अपने संगठन के झंडे लेकर कई मुख्य सड़कें बंद कर दीं। अमृतसर के कठू नंगल टोल प्लाजा पर भी किसानों ने आवागमन रोक दिया।

व्यापारियों और राहगीरों की प्रतिक्रिया

व्यापारियों ने कहा कि किसानों का मसला जल्द हल होना चाहिए क्योंकि व्यापार ठप हो गया है। वहीं, राहगीरों ने भी सरकार से किसानों की मांगों को पूरा करने की अपील की। आवश्यक सेवाओं जैसे मेडिकल स्टोर्स को बंद से बाहर रखा गया।

स्कूल और कार्यालय बंद

कई निजी स्कूल और कार्यालय बंद रहे। पंजाब बंद के कारण छात्रों और कर्मचारियों को असुविधा हुई।

पंजाब बंद ने राज्य के जनजीवन को ठप कर दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि किसानों की मांगें और उनके आंदोलन कितने महत्वपूर्ण हैं। सरकार को इस मसले को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि राज्य में शांति और व्यवस्था बहाल हो सके।

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